उत्तरी दिल्ली निगम में मृत्यु और जन्म प्रमाण पत्र को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है. ये खुलासा सिटी जोन में फर्ची बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट की शिकायत मिलने के बाद हुआ.
शिकायत मिलने के बाद से ही निगम गुत्प तरीके से जांच करा रहा था. जांच में शिकायत सही पाई गई. खुलासा
हुआ कि सिटी जोन से जारी किए गए 45 बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट फ़र्ज़ी हैं.
रिजेक्ट किए सर्टिफिकेट
ये खुलासा होने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में 45 बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट को अवैध घोषित करते हुए निगम ने इनके सीरियल नंबर सार्वजनिक कर दिए. निगम की वेबसाइट पर भी इनकी सूचना अपडेट कर दी गई है.
इन फर्जी प्रमाण पत्रों पर जिन लोगों के नाम हैं उनसे पूछताछ की बात की जा रही है. जिससे पता चल सके कि क्या इस घोटाले में एमसीडी कर्मचारी भी शामिल हैं. ये 45 सर्टिफिकेट 1978 से 2011 के हैं.
निगम से जारी पब्लिक नोटिस के मुताबिक 720001 से 722000, 724001 से 734000, 736001 से 738000, 740001 से 742000, 744001 से 746000 288001 से 290000 सीरियल नंबर वाले सभी बर्थ-डेथ सर्टिफिकेट को नष्ट किया जाएगा. इसके साथ ही निगम ने लोगों से अपील की है कि यदि इन सीरियल नंबर के बर्थ-डेथ सर्टिफिकेट उनकी जानकारी में आते हैं तो वो इसकी सूचना एमसीडी को दें और साथ ही पुलिस में इसकी एफआईआर दर्ज करवाएं.
निगम से मिली जानकारी के अनुसार नवंबर 2016 से निगम सिर्फ ऑनलाइन बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट जारी कर रहा है. इसलिए लोगों को अब जोन कार्यालय जाने की ज़रूरत भी नहीं है. वो घर बैठे ही बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट हासिल कर सकते हैं.
ये कोई पहला मामला नहीं है जब निगम में बर्थ-डेथ सर्टिफिकेट को लेकर विवाद हुआ हो. पिछले साल नॉर्थ एमसीडी के ही करोल बाग जोन में प्रिंटेड बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट के चोरी होने का मामला सामने आ चुका है.