नई दिल्ली। देश में बढ़ते प्रदूषण और व्यस्त यातायात की समस्या का सामाधान निकालने के उद्देश्य से स्टार्टअप कंपनी मोबीसी ने साइकिल शेयरिंग एप लॉन्च करने की घोषणा की है। मोबीसी के सह-संस्थापक आकाश गुप्ता और राशि अग्रवाल ने इसे लांच करते हुए कहा कि उनके स्टार्टअप ने उपभोक्ताओं के लिए देश में अद्वितीय और अपनी तरह का पहला ‘उबर साइकिल’ मॉडल पेश किया गया है। मोबीसी ने एक एंजेल इन्वेस्टर से करीब पांच लाख डॉलर का सीड इन्वेस्टमेंट हासिल किया है। डॉकलेस साइकिल शेयरिंग एप मोबीसी अब एंड्रॉइड प्लेस्टोर पर शुरुआती प्रीव्यू के लिए उपलब्ध है।
गुप्ता ने कहा कि देश हरा-भरा और सेहतमंद साइकिलिंग राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से यह स्टार्टअप शुरू किया गया है। मोबीसी के स्मार्ट बाइक कलेक्शन आईओटी लॉक और जीपीएस ट्रैकिंग से लैस है जिससे पार्किंग के लिए डॉक या स्टेशनों के बिना भी इसे संचालित किया जा सकता है। उपभोक्ता मोबीसी एप डाउनलोड कर आस-पास साइकिल तलाश कर सकते हैं और क्यूआर कोड से साइकिल को अनलॉक कर सकते हैं। लास्ट माइल कनेक्टिविटी की दिक्कतों को देखते हुए तीन से छह किलोमीटर की दूरी तय करने में मदद के लिए यह सेवा शुरू की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मोबीसी अपनी सेवा 5,000 साइकिलों के साथ शुरू कर रही है। अगले छह महीने में इनकी संख्या 50,000 तक करने का लक्ष्य है। यह साइकिलें दिल्ली-एनसीआर के दिल्ली नोएडा, गुड़गांव और फरीदाबाद के साथ ही चंडीगढ़ भी शामिल हैं। अगले छह महीने में 12 और प्रमुख शहरों में तथा अगले वर्ष तक 20 से अधिक शहरों में विस्तार की योजना है।
ये साइकिल मेट्रो स्टेशन, बाजारों, नॉर्थ कैम्पस जैसे भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों और गुड़गांव के साइबर सिटी आदि में उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, एमिटी नोएडा, एमडीआई गुड़गांव और दिल्ली यूनिवर्सिटी आदि, जैसे कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों के स्टूडेंट्स भी मोबीसी से स्मार्ट बाइक्स हायर कर सकेंगे। उनके लिए सब्सिडाइज्ड सबस्क्रिप्शन प्लान उपलब्ध रहेंगे।
मोबीसी के मौजूदा मॉडल में लगभग एक रुपए प्रति घंटे या उससे कम दर पर डॉकलेस साइकिल उपलब्ध है। मासिक योजना के तहत प्रति दिन दो घंटे की सवारी के लिए 99 रुपए का भुगतान करना होगा। इसके अतिरिक्त उपभोक्ताओं को अपने आधार कार्ड का उपयोग करके साइन-अप करना होगा। 999 रुपए की सुरक्षा जमा राशि का भुगतान करना होगा जो रिफंडेबल है। छात्रों के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट 499 रुपए है।