समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव भले ही पुत्र अखिलेश या भाई शिवपाल सिंह यादव के मामले में उहापोह में हों, लेकिन उनकी छोटी बहू अपर्णा यादव तो चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ हैं। अपर्णा यादव ने साफ कहा कि अगर उनको अखिलेश यादव या शिवपाल सिंह यादव में से किसी एक को चुनने का अवसर मिलेगा तो वह चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ रहेंगी।
मुलायम सिंह यादव मंगलवार को लखनऊ में शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के कार्यालय में पहली बार गए। इसके चंद मिनट बाद ही उन्होंने समाजवादी पार्टी कार्यालय का रुख किया। वहां पर उन्होंने कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटने का निर्देश दिया।
कुछ ऐसा निर्देश उन्होंने शिवपाल सिंह यादव की पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी दिया था। इसके इतर अपर्णा यादव ने अपनी राह तय कर ली है। वह भविष्य में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी नहीं बल्कि शिवपाल सिंह यादव की पार्टी से चुनाव लडऩा चाह रही हैं।
अपर्णा ने थाना चाचा का हांथ
मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव उनकी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव के साथ सामाजिक काम में लगी रहती हैं। अपर्णा यादव ने स्वीकार किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में शिवपाल सिंह यादव के समाजवादी पार्टी से अलग होने से बड़ा असर पड़ेगा। अगर उन्हें चुनाव लडऩे का मौका मिला तो अखिलेश या शिवपाल में से वह अपने चाचा शिवपाल और नेता जी मुलायम सिंह यादव को चुनेंगी।
समाजवादी पार्टी से अलग होकर हाल ही में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाने वाले शिवपाल यादव को परिवार में ही समर्थन मिला है। अपर्णा यादव से जब पूछा गया कि शिवपाल यादव के अलग होने से क्या 2019 के चुनाव में असर पड़ेगा तो अपर्णा यादव ने कहा कि पारिवारिक खींचतान के चलते 2017 का चुनाव प्रभावित हुआ था और 2019 के चुनाव में भी इसका असर जरूर पड़ेगा क्योंकि चाचा जी का भी पार्टी को मजबूत करने में कम योगदान नहीं रहा है।
पार्टी को मजबूत करने में उन्होंने भी बहुत मेहनत की है। मगर अभी 2019 में काफी समय है तो देखिए आगे क्या होता है। अपर्णा यादव से जब यह पूछा गया कि अगर 2019 में आपको चुनाव लडऩे का मौका मिले तो किस सिम्बल से चुनाव लडऩा चाहेंगी शिवपाल की पार्टी से या फिर अखिलेश की पार्टी से। इस पर अपर्णा ने कहा कि वह चाचा शिवपाल के साथ रहना चाहेंगी। अपर्णा ने शिवपाल के साथ मुलायम सिंह यादव का भी नाम जोड़ कर कहा कि वह बड़ों के साथ ही रहना चाहेंगी।