ख्यात पर्यावरणविद और गांधीवादी अनुपम मिश्र का सोमवार तड़के निधन हो गया। दिल्ली के एम्स में उन्होंने अंतिम सांस ली। जानकारी के अनुसार वे 68 वर्ष के थे और करीब एक वर्ष से कैंसर से पीड़ित थे। जल संरक्षण पर लिखी गई उनकी किताब ‘आज भी खरे हैं तालाब’ देश-विदेश में काफी चर्चित रही। इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर ‘हमारा पर्यावरण’ और ‘राजस्थान की रजत बूंदें’ भी लिखी हैं। मिश्र का जन्म 1948 में मध्यप्रदेश में हुआ था।
वे गांधी शांति प्रतिष्ठान के ट्रस्टी और राष्ट्रीय गांधी स्मारक निधि के उपाध्यक्ष थे। उन्हें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय पर्यावरण पुरस्कार और जमना लाल बजाज पुरस्कार और मप्र सरकार द्वारा अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। अनुपम मिश्र, जयप्रकाश नारायण के साथ डकैतों को खत्म करने के आंदोलन में भी शामिल रहे।
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