जब आपको बहुत तेज ठंड लगती है तो क्या होगा-आपके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। रोंगटे खड़े होना को Goosebumps भी कहा जाता है। ये बहुत ही सामान्य सी प्रतिक्रिया है जो शरीर में ठंड लगने पर या कोई अचानक से भावनात्मक प्रतिक्रिया में आए बदलाव की वजह से भी ऐसा होता है। दरअसल, जब किसी वजह से हमारी स्किन में छोटे-छोटे उठान हो जाते हैं जिससे शरीर पर मौजूद बाल और रोएं बिलकुल सीधे खड़े हो जाते हैं तो इस घटना को ही गूजबम्प्स या रोंगटे खड़े होना कहते हैं। आइए जानते है कि आखिर क्यों शरीर में रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
ध्यान देने वाली बात ये है की स्किन पर मौजूद हर एक बाल से जुड़ी छोटी-छोटी मांसपेशियों की सिकुड़न और संकुचन की वजह से रोंगटे खड़े होते हैं। सिकुड़ने वाली हर एक मसल स्किन की सतह पर एक तरह का छिछला गड्ढा बनाती है जिससे आसपास का हिस्सा उभर जाता है। जब इंसान को ठंड लगती है तब भी कुछ ऐसा ही महसूस होता है। ठीक ऐसा ही जानवरों में भी होता है। रोंगटे खड़े होने पर उनके मोटे-मोटे और घने बाल फैल जाते हैं औऱ हवा की थोड़ी सी मात्रा को छिपाकर रख लेते हैं जो इंसुलेशन लेयर का काम करता है। बाल का लेयर जितना ज्यादा घना होगा, उतनी ज्यादा गर्माहट को रोक पाएगा।
इसके अलावा ध्यान दे की इसके पीछे भी है जो की स्ट्रेस हॉर्मोन जिसे ऐड्रेनलिन कहते हैं के अवचेतन अवस्था में रिलीज होने पर ही रोंगटे खड़े होते हैं। इस हॉर्मोन के रिलीज होने पर न सिर्फ स्किन की मांसपेशियों में सिकुड़न और संकुचन होता है बल्कि शरीर के दूसरे फंक्शन्स पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। जानवरों में यह स्ट्रेस हॉर्मोन उस वक्त रिलीज होता है जब उन्हें ठंड लगती है या फिर जब वे किसी तरह के स्ट्रेस या तनाव भरी परिस्थिति में होते हैं।
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