हर मुस्लिम की यह चाहत होती है कि जीवन में वह एक बार मक्का मदीना जाकर अपनी हज यात्रा को पूरा करे। मक्का में ही पवित्र काबा है। पुरे विश्व के सभी मुसलमान चाहे वह कहीं भी हों नमाज़ पढ़ते समय काबा की और मुहँ करके नमाज़ पढ़ते हैं। इस स्थल की पवित्रता इतनी है कि पूरे मक्का में शराब का सेवन नहीं किया जाता हैं। जो भी हज पर जाता है तो मक्का और मदीना के साथ ज़म ज़म कुँए पर जरूर जाता हैं। लेकिन ऐसा क्या ख़ास है इस कुँए में आइये जानते हैं।
मक्का क्षेत्र में एक पवित्र कुआँ है जिसका नाम है ज़म-ज़म। शायद ही कोई मक्का-मदीना में हज के लिए जाने वाला तीर्थयात्री होगा जो ज़म-ज़म का पानी पिए बिना और लिए बना वापस लौटता होगा। माना जाता है ज़म-ज़म का पानी कुदरती तरीके से बहुत ही चमत्कारी है।
* ज़म ज़म का पानी कई वर्षों से लाखों-करोड़ों तीर्थयात्रियों द्वारा पीने के बाद भी आज जरूरत के मुताबिक मौजूद है।
* आज तक इसका पानी कभी भी ख़तम नहीं हुआ है और ना सुखा है।
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* इसके पानी का स्वाद हमेशा एक सा रहा है।
* ज़म ज़म के पानी कैल्शियम और मैग्नीशियम के साल्ट पाए गए हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं बल्कि बहुत ही स्फूर्तिदायक हैं।
* कहा जाता है ज़म ज़म के पानी को पीने से शरीर को ताकत मिलती है।
* ज़म ज़म का पानी पुरु तरीके से स्वच्छ है और इसके पानी में किसी भी प्रकार के जैविक विकास नहीं पाया गया है।