वास्तु के अनुसार घर की सीढ़ियां भी कई बार कलेश का कारण बन जाती है। सीढि़यां हमेशा क्लाकवाइज बनानी चाहिए। इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है कि, दुनिया में पेड़ों पर ऊपर चढ़ने वाली जितनी भी बेल एवं लताएं हैं, वह सभी क्लाकवाइज ही ऊपर चढ़ती हैं कभी भी एण्टी क्लाकवाइज ऊपर नहीं चढ़ती है।
सीढ़ियों से जुडी खास बातें:
सीढि़यों की संख्या क्या हो इस पर वास्तुशास्त्र के पुराने ग्रन्थों में दो मत मिलते हैं। एक के अनुसार सीढि़यां विषम संख्या 3, 5, 7, 9 या 11 में बनाई जानी चाहिए तथा दूसरे मतानुसार सीढि़यों की संख्या इतनी होनी चाहिए कि, सीढि़यों की संख्या में 3 का भाग देने पर 2 शेष रहें जैसे 5, 8, 17 सीढि़यां।
इसके पीछे अलग-अलग तर्क हैं परन्तु सबसे प्रभावी तर्क जो है वह यह है कि आदमी दाएं पैर को सबसे पहले रखते हुए घर के अंदर प्रवेश करें। वैसे भवन की सीढि़यों की संख्या से कोई फर्क नहीं पड़ता फर्क पड़ता है कि, भवन में गड्ढे, मुख्यद्वार, इत्यादि कहां हैं। अतः सीढि़यों की संख्या को लेकर चिंतित न हों।
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