जनधन खातों में जमा राशि नोटबंदी के 45 दिन में दोगुना होकर 87,000 करोड़ रुपए पर पहुंच गई है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बताया कि इसके चलते कर विभाग ऐसी जमाओं के बारे में सूचना जुटा रहा है।
इसके अलावा कर विभाग के पास 4.86 लाख खातों में की गई छोटी 30,000 से 50,000 रुपए की जमा राशि के भी आंकड़े हैं। इन खातों में कुल जमा 2,000 करोड़ रुपए है। 10 नवंबर से 23 दिसंबर तक जनधन खातों में कुल 41,523 करोड़ रुपए की राशि जमा की गई। वहीं 9 नवंबर तक इन खातों में 45,637 करोड़ रुपए जमा थे। इस तरह जनधन खातों में कुल जमा 87,100 करोड़ रुपए पर पहुंच गई अधिकारी ने कहा, ‘जनधन खातों पर मिली सभी सूचना की जांच की जा रही है। यदि यह पाया गया कि इन खातों में जमा किसी और व्यक्ति की है तो उचित समय पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।’ अधिकारी ने बताया कि नोटबंदी के बाद पहले सप्ताह में जनधन खातों में 20,224 करोड़ रुपए की राशि जमा हुई। हालांकि, बाद में जमा में उल्लेखनीय गिरावट आई।
इसके साथ ही एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक जनधन खाताधारकों ने पिछले पखवाड़े 3,285 करोड़ रुपए की निकासी की है। नवंबर में नोटबंदी के बाद इन खातों में भारी राशि जमा हुई थी। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 7 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में जनधन खातों में जमा 74,610 करोड़ रुपए के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गई। उसके बाद यह नीचे आने लगी। नोटबंदी प्रक्रिया समाप्त होने से दो दिन पहले यानी 28 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में यह घटकर 71,037 करोड़ रुपए रह गई।
बता दें, जनधन खातों दुरूपयोग को रोकने के लिए जनधन खातों से निकासी की ऊपरी सीमा 10,000 रुपए प्रतिमाह तय की गई है। इसके बावजूद पिछले पखवाड़े में इन खातों से 3,285 करोड़ रुपए निकाले गए। जनधन खातों में जमा की ऊपरी सीमा 50,000 रुपए है। 9नवंबर को 25.5 करोड़ जनधन खातों में कुल जमा 45,636.61 करोड़ रुपए थी। गत 8 नवंबर को 500 और 1,000 का नोट बंद करने की घोषणा के बाद इन खातों में जमा में एक महीने में 28,973 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ। दिलचस्प तथ्य यह है कि शून्य जमा वाले जनधन खातों की संख्या अभी भी करीब 24.13 प्रतिशत पर स्थिर है। प्रधानमंत्री जनधन योजना को अगस्त, 2014 में शुरू किया गया था। जनधन खातों में जमा के मामले में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है। उसके बाद पश्चिम बंगाल व राजस्थान का नंबर आता है।