8 मार्च का दिन पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर मनाया जाता है। महिलाओं के अधिकारों को लेकर खूब बातें होती हैं, राजनीतिक दल भी इस दिन तमाम वादे करते हैं। ऐसे में फिल्मों और टेलीविजन में काम करने वाली महिला कलाकारों से हमने पूछा कि अगर देश की महिलाओं की कोई एक समस्या को दूर करने का उन्हें मौका मिले तो वह क्या करना चाहेंगी? पढ़िए उनके जवाब।
कृति सैनन
मेरे हिसाब से हर लड़की हर बेटी को पढ़ने का हक होना चाहिए, हमारे देश में कई तरह के कानून तो हैं, लेकिन लड़कियों को फिर भी उस हिसाब से पढ़ाई मिलती नहीं है। मैं यह समस्या हल करना चाहूंगी और हर लड़की की पढ़ाई पूरी करवाउंगी ताकि वह आगे जाकर कुछ बन सके, अपने पैरों पर खड़ी हो सके। उसे किसी पर भी उसे आश्रित न होना पड़े। पढ़ाई मिलने के साथ साथ काम तो मिलता ही है और हमें यह भी पता रहता है कि हमें हमारा हक मिल रहा है कि नहीं। शिक्षा से हमारा आत्माविश्वास बढ़ जाता है।
भारती सिंह
रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी में नजर आने वाली कॉमेडी क्वीन भारती सिंह को देश की बेटीयों की एक समस्या को दूर करने का मौका मिले तो वह सबसे पहले लड़कियों की रात में निकलने वाली समस्या दूर करना चाहूंगी क्योंकि लड़का अगर रात को निकल सकता है तो लड़की क्यों नहीं? लड़कियों को खास सुरक्षा मिलने का इंतेजार ना करें, और क्यों ध्यान दें लड़कियों की सुरक्षा का। आप खुद ही अपनी सोच बदलो ना, एक लड़का अगर अपनी बाइक पर रात को 2-3 बजे बाहर निकल सकता है तो लड़की क्यों नहीं?
सिमरन शर्मा
सूरज बड़जात्या की फिल्म हम चार से सिमरन शर्मा ने हिन्दी सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत की है। सिमरन का कहना है कि अगर उन्हें देश की बेटियों की एक समस्या को दूर करने का मौका मिले तो वह सबसे पहले महिलाओं के लिए शौचालय और मूत्रालयों की समस्या को दूर करेंगी। वह कहती हैं, मेरी नजर में आज हमारे देश की बेटियां जिस समस्या का सामना हर रोज़ कर रहीं हैं वह है मूत्रालयों का ना होना। और जब हम मुम्बई में इस समस्या से जूझ रहे हैं तो पूरे देश मे क्या हाल होगा आप सोच सकते हैं। हमारे राजकीय महमार्गों पर तो यह सुविधा ना के बराबर है। और अगर कहीं मूत्रालय/शौचालय हैं भी तो एकदम गंदे। इसके लिए युद्ध स्तर पर कुछ किया जाना चाहिए।
प्रियंका नेगी
मशहूर प्लेबैक सिंगर प्रियंका नेगी कहती हैं कि अगर देश की बेटियों की एक समस्या को दूर करने का मौका मिले तो वह चाहेंगी कि सभी लड़कियां सिर उठाके जी सकें बगैर किसी दबाव के। वह कहती हैं, सदियों से हमारे देश की लड़कियां बलात्कार, छेड़ छाड़ और मानसिक रूप से प्रताड़ित होती आई हैं। इस देश में महिलाओं की सुरक्षा एक बहुत बड़ी समस्या है जिसे मैं हल करना चाहूंगी ताकि वे बिना किसी डर के खुली हवा में सांस ले सके और अपने सपने साकार कर सके। इसका सबसे बड़ा कारण और शिक्षा और शिष्टाचार का अभाव है। हर घर के बेटों को सीखना चाहिए कि वह दूसरों की माँ, बहन व बेटियों की उसी तरह इज़्ज़त करें जिस तरह वह खुद के घर की महिलाओं की करते हैं।
राधा भट्ट
दिल्ली के श्री राम कॉलज ऑफ कॉमर्स में अध्यापिका रह चुकी मशहूर टेलीविजन अभिनेत्री राधा भट्ट कहती हैं, “अगर देश की बेटियों की एक समस्या को दूर करने कामुझे मौका मिले तो मैं सबसे पहले लड़कियों के लिए कोटा सिस्टम लाना चाहूंगी ताकि हर लड़की को बराबरी की पढ़ाई का हक मिल सके। लड़कियों के लिए स्कूल कॉलेजों में सीटें रिजर्व होनी चाहिए। ऐसा हो सके तो फिर आगे उन्हें किसी तरह के रिजर्वेशन की जरूरत नहीं होगी। बराबर की पढ़ाई करके ही बेटियां आगे जा सकती हैं और लिंग आधारित भेदभाव को खत्म कर सकती हैं।
श्रुति शर्मा
श्रुति शर्मा ने एक तेलगु फिल्म से अपने करियर की शुरुआत करके इन्होंने इस इंडस्ट्री में कदम रखा था। अब सीरियल गठबंधन में धनक का किरदार निभा रहीं हैं, जो एक आईपीएस ऑफिसर है। श्रुति शर्मा को अगर देश की बेटियों की एक समस्या को दूर करने का मौका मिले तो वह समानता की समस्या को दूर करना चाहेंगी। वह कहती हैं, “समानता की समस्या को दूर करनी चाहिए, क्योंकि बेटे बेटी में फर्क होना जिस दिन बंद हो जाएगा उस दिन बहुत सारी समस्याएं अपने आप हल हो जाएंगी।
अनुष्का सेन
सीरियल खूब लड़ी मर्दानी, झांसी की रानी में लीड रोल कर रहीं अनुष्का सेन कहती हैं, देश की बेटियों की एक समस्या को दूर करने का मुझे मौका मिले तो मैं शिक्षाव्यवस्था की खामियों को दूर करना चाहूंगी। लड़कियां अब स्कूल जाने लगी हैं पर उसके बाद भी उन्हें कई प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ता है। मुझे बड़ा दुख होता है जब भी मुझे पता चलता है कि किसी लड़की को उसके लड़की होने पर पढ़ाई करने सो रोका गया था। मैं बस यह चाहती हूं की उनकी पढ़ाई में कोई बाधा ना आए। साथ ही साथ लड़कियों का जल्दी विवाह भी नहीं करना चाहिए।
मिताली घोषाल
स्पोर्ट्स जर्नलिंस्ट रह चुकी मिताली घोषाल की पहली फिल्म 22 यार्ड्स रिलीज के लिए तैयार है। वह कहती हैं, “मैं जेंडर बायस की समस्या को दूर करना चाहती हूं। लड़के लड़कियों को एक समान एक नज़रिए से देखना चाहिए। बचपन से लेकर जब वह एक बड़ी अफसर या मेरी तरह एक फिल्म की डायरेक्टर बन जाए तो वह कभी भी लड़कों से कम नहीं आंकी जानी चाहिए। लोग मुझे पूछते हैं कि लेडी डायरेक्टर स्पोर्ट्स की फिल्म बना रही हैं। तो जब हम हर जगह पर यह अंतर खत्म करदेंगे तो, हम एक तरह से लड़कियों का प्रोत्साहित करेंगे ताकि उन्हें भी लड़कों के समान पढ़ाई और काम दोनों मिले।
रुबीना दिलैक
छोटी बहू और सास बिना ससुराल से फेमस हुई रुबीना दिलैक आजकल शक्ति- अस्तित्व के अहसास की सीरियल में सौम्या के किरदार में नजर आती हैं। बह कहती हैं, मुझे अगर देश की बेटियों की एक समस्या को हल करने का मौका मिले तो मैं चाहूंगी कि हर लड़की इज्ज़त मिले और उनको दबाया ना जाए। अगर हम सब मिलकर इस लड़ाई में एक दूसरे का हाथ बटाएं तो दुनिया से ही इस प्रकार का अंतर खत्म हो जाएगा और सभी लड़के लड़कियों को एक समान नज़रिए से देखा जाएगा।