विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बच्चों को लेकर मास्क पहनने के दिशा-निर्देशों को अपडेट किया है क्योंकि दुनिया भर में कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने सुझाव दिया है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों को मास्क नहीं पहनना चाहिए। यह निर्णय मास्क पहनने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए किया गया था।
वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने बच्चे की सुरक्षा और उनके समग्र स्वास्थ्य जैसे अन्य कारकों पर भी विचार किया। डब्ल्यूएचओ ने अपने कोरोना वायरस पेज में छह से 11 साल से कम आयु के बच्चों के लिए कई मापदंड सूचीबद्ध किए हैं। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि केवल उस क्षेत्र के बच्चों को मास्क पहनना चाहिए जहां कोविड-19 का व्यापक प्रसार हो रहा है।
संगठन ने बताया कि बच्चों के मास्क पहनने की क्षमता, वयस्क पर्यवेक्षण और सीखने के संभावित प्रभाव जैसे पहलुओं को भी इन मामलों में ध्यान में रखा जाना चाहिए। डब्ल्यूएचओ का सुझाव है कि जहां बच्चा रहता है वहां वायरस के प्रसार की परवाह किए बिना 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को मास्क पहनना चाहिए और वयस्कों की तरह दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।
वैश्विक संस्था ने सिफारिश की है कि कैंसर और सिस्टिक फाइब्रोसिस से पीड़ित बच्चों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने के लिए चिकित्सा मास्क पहनना चाहिए। संस्था ने यह भी कहा कि विकास संबंधी कठिनाइयों वाले बच्चों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य नहीं है और ऐसे मामलों का आकलन माता-पिता, देखभाल करने वालों और चिकित्सा कर्मियों द्वारा किया जाना चाहिए।
दुनिया भर में कोविड-19 के 2.3 करोड़ से अधिक मामले हैं। जिसमें सबसे ज्यादा मामले अमेरिका, भारत और ब्राजील में हैं। वहीं जर्मनी, हांगकांग, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड और वियतनाम जैसे कुछ देशों की महामारी को संभालने की कोशिशों के लिए सराहना हुई। लेकिन अब यहां मामलों में वृद्धि हो रही है।
वहीं भारत की बात करें तो रविवार सुबह अद्यतन किए गए आंकड़े के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 912 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 56,706 हो गई है। देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 30,44,940 हो गए हैं, जिनमें से 7,07,668 लोगों का उपचार चल रहा है और 22,80,566 लोग उपचार के बाद इस बीमारी से उबर चुके हैं। संक्रमण के कुल मामलों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।