पेरेंट्स नवे पहले बच्चों के खिलाफ शिकायत की थी कि वे सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं और स्मार्टफोन पर घंटों समय गंवा रहे हैं लेकिन अब उन्हें एक नया मुद्दा परेशान कर रहा है। ड्रग माफिया अब अधिकतर इंजीनियरिंग कॉलेज को टारगेट कर रहे हैं। यह व्हाट्स ऐप के जरिए ‘Stuff’, ‘Dham’, ‘2000 Green’ जैसे कोड्स के जरिए हो रहा है।
एक्साइज एंड प्रोहिबिशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने जानकारी निकाली है कि माफिया और युवाओं के बीच में संपर्क स्थापिक करने में व्हाट्स ऐप महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि ये गतिविधियां ईसीआईएव क्रॉसरोड्स, नाचरम, मालापुर और अन्य इलाकों में बढ़ रही है।
इन अधिकारियों द्वारा दी गई डिटेल्स के मुताबिक, अगर कस्टमर कोड वर्ड ‘stuff’ टाइप करता है तो ड्रग डीलर समझता है कि उस व्यक्ति को ड्रग की जरूरत है। तब वह सुरक्षित स्थानों की जानकारी लेता है जहां ड्रग्स डिलीवर की जा सके। यह पता चला है कि ड्रग डीलर 10 ग्राम की ड्रग की सप्लाई 500 रुपए में करता है।
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