भारत और चीन के बीच बढ़ते विवाद के बीच अमेरिका सांसदों का कहना है कि अमेरिका को भारतीय सेना की मदद करनी चाहिए, जिससे चीन को कड़ा संदेश जा सके।अभी-अभी: अयोध्या में गरजे सीएम योगी, कहा सबसे बड़े मुस्लिम देश का नेशनल फेस्टिवल है रामलीला
इसके लिए अमेरिका को भारतीय सेना को न्यूक्लियर हथियारों की मदद करनी चाहिए। इससे एशिया में बढ़ रहे चीन के लड़ाई के रुख को गहरा झटका लगेगा।
पूर्व रिपब्लिकन सेनेटर लैरी प्रेसलर ने अपनी किताब ‘Neighbours in Arms: An American Senator’s Quest for Disarmament in a Nuclear Subcontinent’ में इस बात को कहा है। प्रेसलर इससे पहले वियतनाम में काम कर चुके हैं। उन्होंने लिखा कि चीनी नौसेना फिलिपींस और वियतनाम में अमेरिकी नौसेना को टक्कर दे रही है, इसका जवाब अमेरिका को भी देना चाहिए।
उन्होंने लिखा कि साउथ चीन सागर के मुद्दे पर चीन की वियतनाम, फिलिपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान से ठनी हुई है। हम लोग चीन के साथ समुद्री युद्ध नहीं चाहते हैं, लेकिन इस जगह को बचाना मुश्किल हो सकता है।
अगर हमें चीन को कड़ा संदेश देना है तो हमें भारतीय नौसेना को परमाणु ताकतें देनी होंगी, इससे चीन पर दबाव बन सकता है। उन्होंने लिखा कि चीन आज दुनिया के सबसे बड़े खतरे में से एक है। चीन का पाकिस्तान को इस तरह की मदद करना दुनिया के लिए खतरा हो सकता है।
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ब्रिक्स के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ गुरुवार से शुरू हुई बैठक में भाग लेने के लिए चीन में हैं।
सिक्किम सीमा के पास स्थित डोकलाम को लेकर जारी गतिरोध के बीच डोभाल ने यहां अपने चीनी समकक्ष यांग जिची से मुलाकात की। डोभाल शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं।
अजीत डोभाल का कहना है कि सभी ब्रिक्स देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। इस बीच चीन ने एक बार फिर डोकलाम और जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया है।