उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पीसीएस मुख्य परीक्षा का नया पाठ्यक्रम जारी कर दिया है। अब मुख्य परीक्षा में विषय की अनिवार्यता खत्म हो गई है। उसके स्थान पर उत्तर प्रदेश विशेष के दो प्रश्न पत्र होंगे। अभ्यर्थियों की मांग पर ऐसा बदलाव किया गया है। इस बदलाव से मानविकी विषयों के अभ्यर्थियों को फायदा होगा। स्केलिंग की जरूरत नहीं होगी और विज्ञान वर्ग वालों को ज्यादा नंबर मिलने का विवाद भी खत्म हो गया। इस बदलाव से दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी कम आएंगे। लेकिन इससे उन अभ्यर्थियों को परेशानी होगी, जो संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तैयारी कर रहे हैं। उनको पीसीएस परीक्षा देने के लिए उत्तर प्रदेश विशेष अलग से पढ़ना होगा।
यूपीपीएससी ने पीसीएस के 173 पदों पर भर्ती का विज्ञापन तीन मार्च को जारी किया था। इस भर्ती के लिए तीन अप्रैल तक पंजीकरण और फीस जमा होगी। छह अप्रैल तक अंतिम रूप से आवेदन जमा होगा। इसका विज्ञापन जारी होने के साथ मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम जारी नहीं किया गया था। अब आयोग की वेबसाइट पर पाठ्यक्रम जारी किया गया है। मुख्य परीक्षा 23 सितंबर को संभावित है। इसमें प्रत्येक अभ्यर्थी को आठ प्रश्न पत्र हल करने होंगे और यह 1500 अंकों का होगा। पहला प्रश्न सामान्य हिंदी और दूसरा निबंध का डेढ़-डेढ़ सौ अंकों का होगा। उसके बाद दो-दो सौ अंकों के सामान्य अध्ययन के छह प्रश्न पत्र होंगे। सामान्य अध्ययन के पहले प्रश्न पत्र में इतिहास, दूसरे में राजनीति शास्त्र, तीसरे में अर्थशास्त्र, भूगोल, कृषि पर्यावरण और चौथे में नीतिशात्र, लोक प्रशासन, शासन व्यवस्था, अभिवृत्ति से प्रश्न पूछे जाएंगे। सामान्य अध्ययन के पांचवें और छठवें प्रश्न पत्र में पहले विषय होता था, उसके स्थान पर अब उत्तर प्रदेश विशेष के प्रश्न पत्र होंगे। यह नया जोड़ा गया है। इसमें सफल होने के बाद 100 अंकों का साक्षात्कार होगा।
सामान्य अध्ययन-5
- – उत्तर प्रदेश का इतिहास, सभ्यता, संस्कृति, प्राचीन नगर, वास्तुकला, अभिलेखागार, पुरातत्व।
- – स्वतंत्रता संग्राम में 1857 से पहले और बाद में यूपी का योगदान और स्वतंत्रता सेनानियों का व्यक्तित्व।
- – सामाजिक संरचना, त्योहार, मेले, लोकनृत्य, भाषा, पर्यटन आदि।
- – राजव्यवस्था, लोक सेवाएं, शहरी एवं पंचायती राज, भूमि सुधार, सुरक्षा, कानून व्यवस्था, चिकित्सा, शिक्षा, रोजगार, योजनाएं आदि।
सामान्य अध्ययन-6
- – उत्तर प्रदेश का आर्थिक परिदृश्य, व्यापार, वाणिज्य एवं उद्योग, निवेश को प्रोत्साहित आदि।
- – लोक कल्याणकारी योजनाएं, आर्थिक सुधार, नवीकरणीय योजना, जनगणना।
- – कृषि का व्यवसायीकरण एवं फसलों का उत्पादन, कृषि की समस्याएं, मत्स्य, उद्यान, सिंचाई, बागवानी आदि
- – भौगोलिक स्थितियां, प्राकृतिक संसाधन, वन्यजीय अभ्यारण्य, परिवहन, पर्यावरण, प्रदूषण, विज्ञान एवं तकनीकी आदि।