हल्द्वानी में मंडलायुक्त दीपक रावत ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आपदा की संभावना को देखते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में राहत शिविरों के लिए स्थान चिह्नित कर शिविरों को चालू हालत में रखें। उन्होंने नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को चिह्नित कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराने के निर्देश भी दिए। उन्होंने सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कहा कि खतरनाक नालों और रपटों वाले स्थानों पर पुलिस फोर्स की तैनाती की जाए।
आयुक्त शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मंडल के सभी जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षक एवं विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बारिश से हुए नुकसान के आकलन का फीड बैक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि मैदानी क्षेत्रों में नदियों से कटाव और नालों में मलबा आने से आबादी क्षेत्रों में नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि आपदा मद में तत्काल स्टीमेट बनाकर धनराशि की मांग करें ताकि तात्कालिक कार्य कर राहत दी जा सके।
उन्होंने बताया कि अब ऊधमसिंह नगर में 1300, नैनीताल में 224 और चंपावत में 2000 परिवारों को अहेतुक धनराशि दी जा चुकी है। शेष परिवारों का सर्वे किया जा रहा है। उन्होंने कहा मोहान-भतरौजखान रोड बंद है जिसे 27 जुलाई तक खोल दिया जाएगा।
आयुक्त ने बंद पड़े ग्रामीण मार्गों को खोलने, संवदेनशील मार्गों पर पोकलेन और जेसीबी की तैनाती करने, पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन व स्लाइडिंग क्षेत्रों में साईनेज, क्रैश बैरियर लगाने, बलियानाला क्षेत्र के असुरक्षित भवनों में रह रहे लोगों को अन्यत्र स्थापित कराने के भी निर्देश दिए। वीसी में नैनीताल की डीएम वंदना, ऊधमसिंह नगर के उदय राज सिंह, बागेश्वर की अनुराधा पाल, पिथौरागढ़ की रेनु जोशी, अल्मोडा के विनीत तोमर, चंपावत के नवनीत पांडे समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
होटलों और स्कूलों को नोटिस जारी करें अधिकारी
आयुक्त दीपक रावत ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि नैनीताल शहर के कुछ होटलों और स्कूलों ने अपनी छतों का पानी सीवर लाइन से जोड़ा है जिससे सीवरेज का पानी बारिश के दौरान सड़कों पर आने से गंदगी फैल रही है और लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। वहीं सीवर का पानी झील को भी प्रदूषित कर रहा है। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को ऐसे होटलों और स्कूलों का चिह्नीकरण कर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।