पिछले काफी समय से लोनिवि से लेकर नगरों और कस्बों तक सड़कों के किनारों को सीमेंटेड किया जा रहा है। देहरादून का राजपुर रोड इसकी बानगी है। इस मार्ग के दोनों छोर पक्के कर दिए गए हैं। यही हालत कई अन्य शहरों और कस्बों की सड़कों की है।
प्रदेश में सड़कों के किनारे की भूमि सीमेंटेड करने पर रोक लगेगी। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस संबंध में लोक निर्माण विभाग, शहरी विकास और आवास विभाग के अलावा अन्य विभागों को इस संबंध में व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए हैं।
सरकार की योजना है कि सड़कों के किनारे कच्ची भूमि पर पौधे रोपे जाएं, ताकि पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिल सके। पिछले काफी समय से लोनिवि से लेकर नगरों और कस्बों तक सड़कों के किनारों को सीमेंटेड किया जा रहा है। देहरादून का राजपुर रोड इसकी बानगी है। इस मार्ग के दोनों छोर पक्के कर दिए गए हैं। यही हालत कई अन्य शहरों और कस्बों की सड़कों की है।
नई सड़कों के निर्माण में किनारों को सीमेंटेड करने की प्रवृत्ति ज्यादा दिखाई दे रही है। समय-समय पर जागरूक नागरिकों ने इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए शासन और प्रशासन से अनुरोध भी किया। मुख्य सचिव स्तर पर भी इस तरह के सुझाव पहुंचे कि सड़कों के किनारों को इस तरह से विकसित किया जाना चाहिए, जहां पौधरोपण किया जा सके।
बरसात का पानी नदियों और नालों में बह जा रहा
उनका मानना है कि जिस तरह से आवासीय और सड़कें बनाते समय खाली भूमि को सीमेंटेड करने का रिवाज बढ़ रहा, उससे नए तरह के संकट खड़े हो रहे हैं। सड़कों के किनारे पेड़-पौधे और वनस्पतियां गायब हो रही हैं। साथ ही भू-जल स्तर में गिरावट आ रही है। सीमेंटेड भूमि में लगातार बढ़ोतरी होने से बरसात का पानी भूमि के नीचे न जाकर नदियों और नालों में बह जा रहा है।
इससे भविष्य में पीने के पानी की समस्या बढ़ने का खतरा है। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर मुख्य सचिव ने सभी विभागों को ताकीद कर दिया कि वे सड़कों के किनारे की भूमि को सीमेंटेड नहीं करेंगे।
मैंने विभागों को सड़क के किनारे की भूमि को सीमेंटेड नहीं करने के निर्देश दिए हैं। विभागों से कहा कि वे सड़क के किनारे की भूमि पर पेड़-पौधे लगाएं। इससे भूमि जल स्रोत का संवर्द्धन भी हो सकेगा। -राधा रतूड़ी, मुख्य सचिव