सियासी हलकों में यह चर्चा रही कि हरिदास ने हरिद्वार सीट से भावना पांडेय को प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज होकर अपने समर्थकों के साथ भाजपा से जुड़ गए।
झबरेड़ा विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे बसपा नेता हरिदास भाजपा में शामिल हो गए। शनिवार को प्रदेश पार्टी कार्यालय में उन्होंने अपने समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ली। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने उन्हें पार्टी सदस्यता दिलाई।
इस अवसर पर हरिद्वार संसदीय सीट के भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत, चुनाव प्रबंधन समिति के प्रदेश संयोजक सांसद नरेश बंसल और कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी भी मौजूद थे। उधर, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी शीशपाल ने कहा, हरिदास बसपा में नहीं थे। उन्हें पहले ही पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
इधर, सियासी हलकों में यह चर्चा रही कि हरिदास ने हरिद्वार सीट से भावना पांडेय को प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज होकर अपने समर्थकों के साथ भाजपा से जुड़ गए। प्रदेश पार्टी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा, देश का सर्व समाज, 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के लिए मोदीजी के नेतृत्व में एक हो रहा है।
लिहाजा, एनडीए का 400 पार होना और फिर से मोदी सरकार आना तय है। कहा, वरिष्ठ नेता हरिदास का आना बताता है कि देवभूमि के सभी धर्मों, जातियों, क्षेत्रों एवं वर्गों का समर्थन मोदी को हासिल हो गया है। देशवासियों का आशीर्वाद और प्रभु श्रीराम की कृपा आज मोदी के साथ है। हरिदास ने कहा, पीएम मोदी का नेतृत्व और सर्व समाज के लिए किए कामों से प्रभावित होकर आज हम सब यहां हैं।
कहा, पहली बार समाज के पिछड़े वर्गों के लिए किसी केंद्र सरकार ने इतने ऐतिहासिक कार्य किए हैं। धामी सरकार के नेतृत्व में राज्य का जिस तरह विकास हो रहा है उसको देखते हुए हम सबको नैतिक जिम्मेदारी महसूस हुई कि उत्तराखंड का दशक लाने के मिशन में हम भी अपना योगदान दें।
सुबोध राकेश भी हो सकते हैं शामिल
भगवानपुर विस सीट पर बगावत कर बसपा टिकट पर चुनाव लड़े सुबोध राकेश फिर से भाजपा में वापसी कर सकते हैं। सुबोध ने 2017 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वह अपनी भाभी ममता राकेश से चुनाव हार गए थे। 2022 में उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वह बागी हो गए और बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े। भाजपा ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। अब लोस चुनाव के बहाने भाजपा में वापसी हो सकती है।