काठगोदाम रेलवे स्टेशन में अक्तूबर 2021 में आई आपदा से शंटिंग लाइन गौला नदी में बह गई थी। गौला नदी से कटाव के चलते हल्द्वानी रेलवे स्टेशन की पटरी संख्या तीन के किनारे विद्युतीकरण के लिए लगा पोल भी बह गया था, जिससे यह प्लेटफार्म बंद पड़ा है।
काठगोदाम और हल्द्वानी रेलवे स्टेशन की शंटिंग लाइन करीब तीन साल से बंद पड़ी है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन में अक्तूबर 2021 में आई आपदा से शंटिंग लाइन गौला नदी में बह गई थी। गौला नदी से कटाव के चलते हल्द्वानी रेलवे स्टेशन की पटरी संख्या तीन के किनारे विद्युतीकरण के लिए लगा पोल भी बह गया था, जिससे यह प्लेटफार्म बंद पड़ा है।
रेलवे अधिकरियों की ओर से वर्ष अक्तूबर 2023 में काठगोदाम स्टेशन में शंटिंग लाइन की मरम्मत और इसके बचाव के लिए कार्य शुरू किया गया था। वर्तमान समय में ग्रेविटी वॉल का कार्य करीब 60 फीसदी पूरा हो गया है। हल्द्वानी रेलवे स्टेशन में शंटिंग लाइन के बचाव के लिए बनाई जा रही ग्रेविटी वॉल का कार्य अभी शुरू नहीं हुआ।
रेलवे अधिकारियाें ने बताया कि वन विभाग की ओर से आरबीएम फिलिंग के लिए ट्रक चलाने की अनुमति देर से मिली थी। करीब दो महीने पहले अनुमति मिलने पर हल्द्वानी रेलवे स्टेशन में आरबीएम फिलिंग का कार्य शुरू हुआ था। इस कारण यहां पर ग्रेविटी वॉल बनाने का कार्य भी शुरू नहीं हो पाया।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार कुछ दिन पहले आईटीआई रुड़की ने विभाग से ग्रेविटी वॉल बनाने के लिए संस्तुति रिपोर्ट मांगी है। रेलवे अधिकरियाें की ओर से इसके लिए मानचित्र भी तैयार किया जा रहा है जिसके बाद हल्द्वानी रेलवे स्टेशन में ग्रेविटी वॉल बनाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
शंटिंग लाइन बहने से क्या कार्य रहे बाधित
शंटिंग लाइन से ही पिट लाइन में ट्रेनों को भेजकर कोच के पहियों समेत अन्य की जांच की जाती है। साथ ही धुलाई आदि भी होती है। जब कैरिज एंड वैगन विभाग संतुष्ट होने के बाद ट्रेन चलने के लिए अनुमति देता है, तो ही ट्रेन का संचालन होता है। शंटिंग लाइन बंद होने के कारण पिट लाइन में 18 कोच की ट्रेन को एक साथ न भेजकर छह-छह कोच को तीन बार भेजना पड़ रहा है। इसमें ट्रेन के डिब्बे शंट होने में अधिक समय लग रहा है।
पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि आईटीआई रुड़की ने इस कार्य के लिए रिपोर्ट मांगी है। जल्द ही हल्द्वानी स्टेशन की शंटिंग लाइन का बचाव कार्य शुरू कराया जाएगा। बरसात से पहले दोनों ही स्टेशनों में ग्रेविटी वॉल बनकर तैयार की जाएगी।