उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आठ अक्टूबर से आंदोलन करने जा रही है। संगठन ने आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष आशुतोष सेमवाल ने बताया कि सोमवार को संगठन ने अपनी मांगों को लेकर सरकार व शासन को पत्र भेजा है। मांगों का निराकरण न होने और एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी के विरुद्ध आरोप पत्र देकर उन्हें प्रताड़ित करने, मुख्य सचिव की ओर से आश्वासन देने के बावजूद इतनी लंबी अवधि तक प्रकरण का पटाक्षेप न किए जाने के कारण आंदोलन का नोटिस भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि आठ अक्टूबर को शाम छह बजे परेड ग्राउंड से कनक चौक, ओरियंट सिनेमा होते हुए घंटाघर तक और फिर घंटाघर से वापस ओरियंट सिनेमा, कनक चौक होते हुए परेड ग्राउंड तक मशाल जुलूस निकाला जाएगा। इसके बाद 14 अक्टूबर को दोपहर तीन बजे दोपहिया वाहन रैली निकाली जाएगी। जो विधानसभा के सामने से शुरू होकर रिस्पना पुल, कारगी चौक, आइएसबीटी, पटेल नगर, बल्लीवाला, बल्लूपुर, घंटाघर, राजपुर रोड, बहल चौक, ईसी रोड, सर्वे चौक, धर्मपुर चौक, रिस्पना पुल होते हुए विधानसभा के सम्मुख समाप्त होगी। महासचिव मुकेश ध्यानी ने बताया कि प्रांतीय नेतृत्व ने निर्धारित कार्यक्रम को सफल बनाने को देहरादून में स्थित सभी विभागों, कार्यालयों के कार्मिक व पदाधिकारी आपस में समन्वय बनाकर कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए आंदोलन को सफल बनांएगे।
समझौते के बाद कार्य बहिष्कार लिया वापस
उत्तर प्रदेश विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस लेने के बाद उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने भी आंदोलन वापस ले लिया है। संघर्ष मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने बताया कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट सब कमेटी के बीच हुए समझौते के बाद पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का प्रस्ताव वापस ले लिया गया है।
समझौते में लिखा गया है कि उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण निगम की वर्तमान व्यवस्था में ही विद्युत वितरण में सुधार के लिए कर्मचारियों एवं अभियंताओं को विश्वास में लेकर कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारियों एवं अभियंताओं को विश्वास में लिए बिना कोई निजीकरण नहीं होगा। वर्तमान आंदोलन के कारण किसी भी संविदा कर्मी, विद्युत कर्मचारी, अवर अभियंता एवं अभियंता के विरुद्ध किसी प्रकार की उत्पीड़न कार्रवाई नहीं की जाएगी।