ट्राई की सिफारिशों में कहा गया है कि इस तरह के इंटरनेट टेलीफोनी एप को मोबाइल नंबर सीरीज से जोड़ा जाएगा। दूरसंचार कंपनियां कॉल के लिए शुल्क लेंगी और उन पर सामान्य कॉल से जुड़े सभी नियम लागू होंगे।
ट्राई ने इंटरनेट कॉलिंग को काफी उपयोगी और वॉयस कॉलिंग का किफायती विकल्प करार दिया है। Trai के मुताबिक, “यह उन इलाकों में कॉल सफलता दर को बढ़ाएगी जहां पब्लिक इंटरनेट तो उपलब्ध है लेकिन किसी कंपनी के नेटवर्क ना आते हों।” ट्राई ने जब इस बारे में चर्चा की थी तो टेलीकॉम कंपनियों ने इसका विरोध किया था। कंपनियों को डर है कि इससे वॉयस कॉलिंग से होने वाली उनकी कमाई पर फर्क पड़ेगा।