सोशल मीडिया पर इन दिनों ‘स्कल ब्रेकर चैलेंज’ से जुड़े वीडियो लगातार सामने आ रहे हैं। बच्चे इस चुनौती को स्वीकार करके खुद को नुकसान पहुंचा दे रहे हैं।

उनकी यह चुनौती अभिभावकों पर भारी पड़ रही है। इसे लेकर वे चिंतित हैं। ऐसे में बच्चों को इस खेल के प्रति जागरूक किए जाने की जरूरत महसूस की जा रही है।
यह चैलेंज वीडियो शेयर एप टिकटॉक के जरिए काफी लोकप्रिय हो चुका है। इसमें तीन लोग साथ में खड़े होते हैं।
वे साथ में उछलते हैं और जब वे हवा में ही होते हैं उसी वक्त दोनों ओर खड़े लोग बीच वाले शख्स के पैरों में पांवों को मारकर के उसका संतुलन बिगाड़ देते हैं और वो शख्स गिर जाता है। बहुत बार इसे एक प्रैंक की तरह किया जाता है और कई बार चुनौती के रूप में।
इस चुनौती का नाम स्पेनिश शब्द ‘रोमकप्रेनेस’ या अंग्रेजी में ‘स्कलब्रेकर’ से लिया गया है। अभी तक यह ज्ञात नहीं है कि पहला वीडियो कहां से आया लेकिन वायरल पहले वीडियो में एक को वेनेजुएला के एक स्कूल में रिकॉर्ड किया गया था। इसके बाद यह यूरोप और अमेरिका में चलन में आया। अब यह भारत तक भी पहुंच चुका है।
इस चैलेंज का नाम ही इससे होने वाले संभावित नुकसान की कहानी कह देता है। इसके दौरान गिरने के कारण
सिर में चोट आ सकती है या फिर जोड़ों में चोट लग सकती है। इससे कारण आपकी खोपड़ी तक टूट सकती है। दुनिया भर से इस चुनौती के चलते गंभीर रूप से चोटिल होने वाले लोगों के मामले सामने आ रहे हैं।
बच्चों के परिजन इस तरह के चैलेंज के सामने आने के बाद काफी चिंतित हैं। परिजन डर रहे हैं कि कहीं उनके बच्चे इस प्रवृत्ति का शिकार हो सकते हैं और खुद को घायल कर सकते हैं।
ऐसे में उन्हें अपने बच्चों से बात करनी चाहिए। साथ ही ऐसे किसी भी चैलेंज में भाग लेने से दूर रखने के लिए कहा जाना चाहिए। साथ ही यदि यह प्रैंक के रूप में हो तो बच्चों को इतनी समझ दी जानी चाहिए कि वे इस तरह के प्रैंक को समझ सकें और खुद को इससे बचा सकें।
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