Silent Hypoxia COVID-19: छह मिनट की चाल, बताएगी फेफड़ों का हाल

कोरोना वायरस बहुत से मरीजों में श्वसन तंत्र के निचले हिस्से में हल्के संक्रमण के रूप में सामने आता है। वहीं बड़ी उम्र के लोगों में यह गंभीर श्वसन तंत्र सिंड्रोम का कारण बन जाता है। कोविड-19 के चलते मरीज को साइलेंट हाइपोक्सिया भी हो सकता है, जिसमें मरीज को यह पता ही नहीं लगता है कि उसके फेफड़ों में बढ़ते संक्रमण के कारण ऑक्सीजन का स्तर घट रहा है।

इसके परिणामस्वरूप मरीज की हालत बिगड़ती ही चली जाती है और उसे आइसीयू में भर्ती कराना पड़ता है। एक साधारण टेस्ट जिसे 6 मिनट वॉक टेस्ट (6 एमडब्ल्यूटी) के नाम से जाना जाता है, इसकी पहचान करने में मददगार साबित हो सकता है और आपके फेफड़ों का हाल बता सकता है।

घर या अस्पताल में करने की सुविधा : 6 एमडब्ल्यूटी टेस्ट एक साधारण और साइलेंट हाइपोक्सिया का पता लगाने में काफी कारगर है। यह मरीज की शुरुआती दौर में पहचान करने में सक्षम है, जिसकी हालत खराब होने की आशंका है। इस टेस्ट को घर या अस्पताल में किया जा सकता है। हालांकि यह अच्छा माना जाता है कि इसे किसी की देखरेख में किया जाए।

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