SEBI Action: फिन्फ्लुएंसर पर सेबी सख्त

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोशल मीडिया पर ‘बाप ऑफ चार्ट’ हैंडल चलाने वाले फाइनेंशियल इन्फ्लुएंसर या फिन्फ्लुएंसर मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी पर बुधवार को पाबंदी लगा दी। बाजार नियामक ने उनसे गैर-पंजीकृत निवेश परामर्श के बदले में लिए गए 17.2 करोड़ रुपये भी ग्राहकों को लौटाने को कहा है। ‘बाप ऑफ चार्ट’ का संचालन मोहम्मद नासिर अंसारी करते हैं। उनके यूट्यूब पर 4,43,000 से अधिक ग्राहक हैं और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उनके 83,000 फॉलोअर हैं और उनपर व्यापारिक सिफारिश करने और कोर्स बेचने के आरोप हैं। 

मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी।

अंसारी फर्म “बाप ऑफ चार्ट (बीओसी) के संचालक हैं। वह खुद को सोशल मीडिया पर एक शेयर बाजार विशेषज्ञ बताते हैं और ग्राहकों को अपने “शैक्षिक पाठ्यक्रमों” में नामांकन करने के लिए कहते हैं। सेबी के अनुसार, अंसारी ने यूट्यूब, एक्स, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर स्टॉक सिफारिशें प्रदान दी। उन्होंने मोबाइल ऐप शेयर बाजार से जुड़े कोर्सेस भी भेजे। वे अपने ऐप के माध्यम से लगभग 19 कोर्स बेच रहे थे। 

‘बाप ऑफ चार्ट’ पर सेबी की ओर से क्यों कार्रवाई की गई?

सेबी ने आरोप लगाया है कि नासिर ‘शैक्षिक पाठ्यक्रमों की आड़ में’ कारोबारी सिफारिशें दे रहे थे और उसके बदले में उन्होंने ग्राहकों से पैसे वसूले। यह भी आरोप लगाया गया है कि वह “अपने पाठ्यक्रमों/कार्यशालाओं को खरीदने के लिए भ्रामक या झूठी जानकारी के माध्यम से ग्राहकों/निवेशकों को लुभा रहा थे”। सेबी की जांच से पता चला है कि नासिर को जनवरी 2021 से जुलाई 2023 तक शेयर बाजार में 2.89 करोड़ रुपये का शुद्ध व्यापारिक घाटा हुआ। यह सच्चाई 200-300 प्रतिशत लाभ कमाने और अपने सौंदों में 95 प्रतिशत सटीक होने के  उसके दावों के विपरीत है।

नासिर पर अपने निवेशकों से क्या छिपाने का आरोप है?

सेबी ने कहा, ‘नासिर, ट्रेडिंग के लिए सटीक रणनीति बताने का दावा करते हैं और ग्राहकों से कहते हैं कि उसकी रणनीति से वे 200-300 प्रतिशत मुनाफा कमा सकते हैं पर सच्चाई यह है कि खुद उन्हें जनवरी 2021 से जुलाई 2023 के बीच प्रतिभूतियों में व्यापार से 2.89 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ है। नासिर पर आरोप है कि उन्होंने इस तथ्य को अपने वीडियो, कार्यशालाओं और समूहों में निवेशकों से छिपाया है। सेबी ने कहा, ‘निवेशकों और क्लाइंट्स को भरोसा दिलाया गया था कि सब्सक्रिप्शन अमाउंट का भुगतान करने पर नासिर की ओर से उन्हें एक-एक करके समर्पित सपोर्ट या पर्सनल गाइडेंस मुहैया कराया जाएगा।

‘बाप ऑफ चार्ट’ पर क्या जुर्माना लगाया गया है?

बाजार नियामक ने नासिर और दो अन्य को जुर्माने की राशि को 15 दिन के भीतर एक एस्क्रो खाते में जमा कराने का निर्देश दिया है। सेबी ने उन्हें पाठ्यक्रमों के लिए सभी विज्ञापनों और प्रचारों को हटाने का भी निर्देश दिया है। सेबी ने उन्हें अगली सूचना तक प्रतिभूति बाजार में लेनदेन करने से भी प्रतिबंधित कर दिया है। 

क्या घोटाले में किसी अन्य व्यक्ति का नाम आया है?

सेबी के अनुसार, निवेशकों से एकत्र किए गए धन को अंसारी, बीओसी और गोल्डन सिंडिकेट वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खाते में जमा किया गया था। सेबी के आदेश में गोल्डन सिंडिकेट वेंचर्स के एक अन्य महत्वपूर्ण शेयरधारक पी राहुल राव का भी नाम है। सेबी के आदेश में गोल्डन सिंडिकेट वेंचर्स के चार अन्य निदेशकों आसिफ इकबाल वानी, तबरेज अब्दुल्ला, मंशा अब्दुल्ला और वामशी जाधव के भी नाम हैं। इन चार लोगों के खातों में भी पैसे जमा किए गए थे।

क्या फिन्फ्लुएंसर पर सेबी की सख्ती बढ़ी है?

सेबी ने सोशल मीडिया पर सलाह देने वाले लोगों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। पिछले महीने मसौदा तैयार किया गया है इसमें सेबी में रजिस्टर्ड शेयर ब्रोकर और म्यूचुअल फंड से कहा गया है कि वो अपने प्रचार प्रसार में ऐसे फिन्फ्लुएंशर्स का इस्तेमाल ना करें जो सेबी से रजिस्टर्ड नहीं हैं। फिन्फ्लुएंसर के लिए सेबी में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य करने का प्रस्ताव है। इसका मतलब होगा कि सोशल मीडिया पर सलाह देने के लिए संबंधित विषय में डिग्री, सेबी से सर्टिफिकेट की ज़रूरत होगी।

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