SCO बैठक की अध्यक्षता करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा आतंकवाद से नजरें हटाना हमारे सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक होगा। इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी मौजूद रहे।

भारत ने शुक्रवार गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) से दृढ़ता से आतंकवाद का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। पाकिस्तान, चीन समेत SCO मीटिंग में शामिल हुए देशों के सामने आतंकवाद को लेकर साफ शब्दों में कहा कि इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी, चीन के किन गैंग और रूस के सर्गेई लावरोव की मौजूदगी में जयशंकर ने एससीओ मीटिंग में संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद से आंखें मूंद लेना समूह के सुरक्षा हितों के लिए हानिकारक होगा।
आतंकवाद पर भारत की दो टूक
विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों को बिना किसी भेदभाव के साथ रोका जाना चाहिए। जब दुनिया COVID-19 महामारी और उसके परिणामों का सामना करने में लगी हुई थी तो आतंकवाद अपने पैर पसार रहा था।
उन्होंने कहा, “हमारा दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं हो सकता है और इसे सीमा पार आतंकवाद सहित इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में रोका जाना चाहिए।” जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करना एससीओ के मूल जनादेशों में से एक है।
इस दौरान बैठक में चीनी विदेश मंत्री किन गैंग और पाकिस्तान के बिलावल भुट्टो-जरदारी के अलावा अन्य देशों के विदेश मंत्री मौजूद रहे। एस जयशंकर ने कहा कि एससीओ की पहली भारतीय अध्यक्षता में आपकी मेजबानी करते हुए मुझे खुशी हो रही है। साथ ही एससीओ की अध्यक्षता में हमने 100 से अधिक बैठकों और कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक समापन किया, जिनमें 15 मंत्रिस्तरीय बैठकें शामिल हैं।
अफगानिस्तान की मदद कराना भारत की प्राथमिकता- विदेश मंत्री
जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान में हमारी तत्काल प्राथमिकताओं में मानवीय सहायता प्रदान करना है। साथ ही आतंकवाद से मुकाबला करना और महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का संरक्षण करना शामिल है।
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