SCO के महासचिव नोरोव ने कहा- दुनिया के औषधि केंद्र बना भारत, 133 देशों में दवाओं की आपूर्ति की

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के महासचिव ब्लादिमीर नोरोव (Bladimir Norov) ने कहा है कि भारत औषधि (Medicine) के क्षेत्र में अपने विशाल अनुभव और गहरे ज्ञान से कोविड-19 महामारी के दौरान ‘दुनिया के औषधि केंद्र’ की भूमिका निभा रहा है और विभिन्न क्षेत्रीय एवं वैश्विक पहलों की दिशा तय कर रहा है. नोरोव ने कहा कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना वायरस की रोकथाम और उपचार के लिए तत्काल कदम उठाए और उसके बाद भी उसने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में 133 देशों को दवाओं की आपूर्ति की है जो भारत की उदारता दर्शाता है.

उन्होंने कहा कि यह एक बड़ी शक्ति के आचरण का बहुमूल्य और जिम्मेदाराना उदाहरण है और इससे एससीओ के सदस्य देशों के बीच एक-दूसरे के लिए पूरकता और परस्पर सहयोग नजर आता है. भारत ने पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिरषद में गैर स्थायी सीट के लिए चुनाव व्यापक समर्थन से जीता.

भारत महामारी के सिलसिले में निभा रहा है बड़ी भूमिका: नोरोव

सुरक्षा परिषद में भारत के अस्थायी सदस्य निर्वाचित होने पर नारोव ने कहा कि भारत ने 2021-22 के लिए सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता प्राप्त की है और यह प्रतीकात्मक से कहीं ज्यादा मायने रखता है. इस साल जनवरी में भारत की यात्रा और वहां के शीर्ष नेतृत्व के साथ गहन बातचीत कर चुके नोरोव ने कहा कि मुझे पक्का विश्वास है कि भारत के योग वैज्ञानिक और चिकित्सा पेशेवर कोरोना वायरस महामारी का अध्ययन करने, उस पर अनुसंधान करने और टीके के विकास में विश्व बिरादरी के प्रयास में सक्रिय रूप से भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के औषधि केंद्र की भूमिका निभाता है और वैश्विक संदर्भ में महामारी के सिलसिले में यह बड़ा अहम है.

एससीओ का भारत और पाकिस्तान भी है सदस्य देश

एसीओ का मुख्यालय बीजिंग में है और यह आठ देशों का आर्थिक और सुरक्षा संगठन है। भारत और पाकिस्तान 2017 में उसके सदस्य बने थे. चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिजिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान उसके संस्थापक सदस्य हैं.

उज्बेकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री नोरोव ने कहा कि भारत आज कई वैश्विक पहलों की दिशा तय करता है और उसकी वजह भी है. वह दवा और स्वास्थ्य प्रबंधन के क्षेत्र में अपने विशाल अनुभव और गहरे ज्ञान पर भरोसा करता है जिसमें उच्च गुणवत्ता और सस्ती दवाएं, उपकरण एवं टीके शामिल हैं.

जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा उत्पादक है भारत

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा उत्पादक है और वह कुल वैश्विक दवा उत्पादन का 20 % दवाइयां बनाता है तथा वैश्विक टीके की 62 % मांग की पूर्ति करता है. नोरोव ने इस क्षेत्र में स्वास्थ्य पर सहयोग की मजबूती के लिए साझा दृष्टिकोण विकसित करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्ताव का विशेष उल्लेख किया.

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