सुसाइड करने वालों के लिए देवदूत बनकर आया आरपीएफ जवान, बचाई परिवार के सात लोगों की जान

सुसाइड करने वालों के लिए देवदूत बनकर आया आरपीएफ जवान, बचाई परिवार के सात लोगों की जान

नई दिल्ली: शराब की वजह से आय दिन परिवारों में मारपीट व हिंसा की खबरें सुनने को मिलती रहती हैं। कभी-कभी तो शराब के कारण परिवार के परिवार तबाह हो जाते हैं, जिसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। ज्यादातर घरेलू हिंसा और झगड़ों की मुख्य वजह शराब ही बन जाती है। उत्तर प्रदेश के चंदौली जिला में पति ने शराब के नशे में पत्नी से झगड़ा कर लिया, जिसके चलते महिला बच्चों सहित आत्महत्या करने को रेलवे ट्रैक पर आकर लेट गई। इस दौरान आरपीएफ का जवान महिला के परिवार के लिए देवदूत बनकर सामने आया। आरपीएफ जवान ने बहादुरी दिखाते हुए 7 लोगों की जिंदगी बचा ली। जवान रवि रंजन कुमार सिंह ने 7 लोगों की जान बचा ली और हर तरफ उनकी तारीफ हो रही है।

दरअसल, डीडीयू जंक्शन पर स्थित आरपीएफ थाने के जवान रवि रंजन सिंह रविवार 22 नवंबर की शाम रेलवे यार्ड में ड्यूटी दे रहे थे। उन्होंने देखा कि रेलवे ट्रैक पर कुछ लोग लेटे हुए हैं और सामने से ट्रेन भी आ रही है। उनको एहसास हुआ कि कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है। फिर क्या था, रवि रंजन सिंह ने उन लोगों की तरफ दौड़ लगा दी। तकरीबन 200 मीटर दौड़ कर रवि रंजन सिंह उन लोगों के पास पहुंचे और एक-एक करके सभी लोगों को रेलवे ट्रैक से बाहर की तरफ हटाया।

रवि रंजन के अनुसार ट्रैक से इन लोगों को हटाने के कुछ ही सेकेंड बाद ट्रेन उस ट्रैक से गुजर गई। इन सातों लोगों में पति पत्नी और उनके 5 बच्चे शामिल थे जो बगल के गांव की झोपड़पट्टी के रहने वाले थे। जब रवि रंजन सिंह इस दंपत्ति से रेलवे ट्रैक पर आकर सुसाइड करने का कारण पूछा तो उन लोगों ने बताया कि शराब पीने की बात को लेकर पति-पत्नी में झगड़ा हुआ था।

उसके बाद पत्नी अपने बच्चों को लेकर रेलवे ट्रैक पर चली आई। पत्नी को अपने बच्चों सहित रेलवे ट्रैक पर जाते देख पति ने भी कहा कि अगर तुम लोग सुसाइड करोगे तो हम भी चलते हैं और हम भी तुम लोगों के साथ सुसाइड कर लेंगे। इसके बाद पति पत्नी अपने 5 बच्चों को लेकर रेलवे ट्रैक पर लेट गए थे, लेकिन आरपीएफ के जवान रवि रंजन सिंह की तत्परता और सूझबूझ से इन सभी की जिंदगी बच गई।

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