पारंपरिक ज्ञान बताता है कि महज मुस्कुराने भर से हम थोड़ा खुश महसूस कर सकते हैं. या अगर हम क्रोधित दिखते हैं तो हम खुद को ज्यादा गंभीर मिजाज में पा सकते हैं.’शोधकर्ताओं का दावा है कि मुस्कुराने से लोग सचमुच में खुश महसूस कर सकते हैं. इन परिणामों तक पहुंचने के शोधकर्ताओं ने 50 साल का डेटा निकाल कर जांचा कि क्या चेहरे के भावों का उससे जुड़ी भावनाओं को महसूस करने से संबंध है.
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेनेसी में पीएचडी के छात्र निकोलस कोल्स ने कहा, ”पारंपरिक ज्ञान बताता है कि महज मुस्कुराने भर से हम थोड़ा खुश महसूस कर सकते हैं. या अगर हम क्रोधित दिखते हैं तो हम खुद को ज्यादा गंभीर मिजाज में पा सकते हैं.” कोल्स ने कहा, ”लेकिन मनोवैज्ञानिकों ने करीब 100 साल तक इस विचार से इत्तेफाक नहीं रखा.” ये असहमतियां 2016 में और बढ़ गईं जब शोधकर्ताओं की 17 टीम यह साबित करने में विफल हो गई कि महज मुस्कुराने लोग खुश महसूस कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, ”लेकिन हम किसी एक अध्ययन के परिणामों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते. मनोवैज्ञानिक 1970 की शुरुआत से ही इस विचार पर परीक्षण कर रहे हैं, इसलिए हम सभी परिणामों को देखना चाहते थे.” मेटा-एनालिसिस तकनीक का इस्तेमाल कर शोधकर्ताओं ने 138 अध्ययनों के डेटा को मिलाया जिसमें विश्व भर के 11,000 प्रतिभागियों को जांचा गया. ‘साइकोलॉजिकल बुलेटिन’ में प्रकाशित परिणामों के मुताबिक चेहरे के भाव, भावनाओं पर थोड़ा असर डालते हैं.