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नई दिल्ली. देश के चार और एयरपोर्ट्स पर अब हैंड बैग्स पर टैगिंग नहीं की जाएगी। यह फैसला ‘ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्युरिटी’ यानी BCAS ने लिया है। जिन चार शहरों पर यह फैसेलिटी दी गई है, उनके नाम हैं- कोयंबटूर, कोलकाता, इंदौर और वडोदरा। बता दें कि इसके पहले देश के 13 एयरपोर्ट्स पर हैंड बैग टैगिंग पर रोक लगाई जा चुकी है। हालांकि, इंटरनेशनल पैसेंजर्स के हैंड बैग्स पर टैगिंग पहले की तरह जारी रखने का फैसला किया गया है।
क्या है कारण…
– BCAS के मुताबिक, स्टेप बाइ स्टेप देश के सभी 59 एयरपोर्ट्स पर हैंड बैंग टैगिंग को खत्म किया जाना है। इन एयरपोर्ट्स पर सिक्युरिटी का जिम्मा सीआईएसएफ संभालती है। माना जा रहा है कि देश के सभी एयरपोर्ट्स पर इस साल के आखिर तक हैंड बैग टैगिंग खत्म कर दी जाएगी। अप्रैल और जून में 13 एयरपोर्ट्स पर ये टैगिंग पहले ही खत्म की जा चुकी है।क्या है ऑर्डर में?
– BCAS के डीजी कुमार राजेश चंद्रा ने एक ऑर्डर में कहा- कामयाब ट्रायल और इससे मिले पॉजिटिव फीडबैक के बाद हमने हैंड बैग्स के प्री- एम्बार्केशन सिक्युरिटी चेक को 4 और एयरपोर्ट्स पर बंद करने का फैसला किया है। इनके नाम कोयंबटूर, कोलकाता, इंदौर और वडोदरा हैं। ऑर्डर 8 सितंबर को जारी किया गया है।अब तक किन एयरपोर्ट्स पर हैंड बैगिंग से छूट
– पहले फेज में सात एयरपोर्ट्स को हैंड बैग टैगिंग से छूट दी गई गई। ये थे- दिल्ली, मुंबई, कोचिन, बेंगलुरु, हैदराबाद और अहमदाबाद। दूसरे फेज में जयपुर, गुवाहाटी, लखनऊ, तिरुवनंतपुरम, पटना और चेन्नई एयरपोर्ट्स पर यह राहत दी गई।क्या होता है इन टैग्स से?
– इन टैग्स पर पैसेंजर्स की कॉन्टैक्ट डिटेल होती है। एक्स-रे चेक के दौरान अगर किसी पैसेंजर के बैग में कुछ संदिग्ध पाया जाता है तो उस पैसेंजर से फौरन संपर्क कर उसे बुलाया जाता है। इसके बाद बैग्स को खोलकर चेक किया जाता है।ऐसा क्यों किया गया?
– BCAS का कहना है कि एयरपोर्ट्स पर अब पहले की तुलना में काफी बेहतर सर्विलांस सिस्टम हैं। इसके अलावा सीसीटीवी और ज्यादा ट्रैंड स्टाफ है। संदिग्ध चीजों पर ज्यादा बेहतर तरीके से नजर रखी जा सकती है।किनको नहीं मिलेगा फायदा?
– नए प्रोटोकॉल का फायदा सिर्फ डोमेस्टिक पैसेंजर्स को होगा। लेकिन, इंटरनेशनल पैसेंजर्स के हैंड बैग्स पर पहले की तरह टैगिंग जारी रहेगी।इसे भी देखें:- क्या आपको पता है? जैकी चैन का ये रिकॉर्ड तोड़ चुकी है, राम रहीम की बेटी हनीप्रीत
सिर्फ भारत में होती है सिक्युरिटी टैगिंग
– भारत में बैग्स पर सिक्युरिटी टैगिंग 1992 से हो रही है। ऐसा सिर्फ हमारे ही देश में होता है।
– CISF ने भी कहा था, “सिक्युरिटी टैगिंग को ट्रायल बेस पर हटाया जा रहा है। इसका मकसद एयरपोर्ट पर पैसेंजर्स के लिए सिक्युरिटी प्रोसेस को आसान बनाना है।”
– बता दें कि भारत 2020 तक एविएशन सेक्टर में दुनिया का सबसे बड़ा देश और 2030 तक टॉप पोजिशन पर रहने वाले देश होगा।बॉडी स्कैनिंग सिस्टम भी जल्द
– पिछले साल दिसंबर में CISF ने कहा था कि देश के कुछ एयरपोर्ट पर ट्रायल के तौर पर फुल बॉडी स्कैनर लगाए जाएंगे। बाद में दूसरे एयरपोर्ट पर भी लागू किया जाएगा।
– फुल बॉडी स्कैनर और प्राइवेसी के मुद्दे पर CISF ने कहा था कि ये वॉलेंटरी बेस पर होगा। अगर कोई पैसेंजर लंबे सिक्युरिटी चेक में नहीं जाना चाहता तो वो इसका ऑप्शन ले सकता है। इससे केवल 4 सेकंड में बॉडी स्कैन होगी और ये इंटरेनशनल स्टैंडर्ड्स के मुताबिक भी है।
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डोमेस्टिक पैसेंजर्स को मिली राहत, अब 4 और एयरपोर्ट्स पर नहीं होगी हैंड बैग टैगिंग