लॉकडाउन की वजह से देश की इकोनॉमी मंद पड़ गई है. इस हालात का आम लोगों पर बोझ न पड़े, इसके लिए आरबीआई की ओर से कई बड़े ऐलान किए गए हैं. उदाहरण के लिए रेपो रेट में कटोती कर लोन और ईएमआई का बोझ कम करने की कोशिश की गई है. वहीं बैंकों को हर महीने लोन ईएमआई देने वाले ग्राहकों को भी राहत के संकेत मिले हैं.
दरअसल, आरबीआई ने बैंकों से लोन की ईएमआई दे रहे लोगों को 3 महीने तक के राहत की सलाह दी है. आसान भाषा में समझें तो अब गेंद बैंकों के पाले में है. बैंकों को अब तय करना है कि वो आम लोगों को ईएमआई पर छूट दे रहे हैं या नहीं.
अगर बैंकों ने आरबीआई की सलाह को अमल में लाया तो ये उम्मीद है कि अगले 3 महीने तक आपको लोन की ईएमआई नहीं देनी पड़ेगी. लेकिन इसका मतलब ये नहीं हुआ कि इस अवधि की ईएमआई को माफ कर दिया जाएगा.
यह भी पढ़ें: देश में कोरोना का कहर जारी, आज सामने आए 43 नए मामले, मरीजों की संख्या हुई 649
जानकारों के मुताबिक बैंक 3 महीने की अवधि खत्म होने के बाद वसूली करेंगे.ऐसे में सवाल है कि क्या तीन महीने के बाद आम लोगों पर अचानक ईएमआई का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा. इस सवाल के जवाब में फाइनेंशियल प्लानर तारेश भाटिया बताते हैं कि ऐसा नहीं होगा.
ये संभव है कि बैंक आपकी मासिक किस्त को बढ़ा दें. इसके अलावा आपको टेन्योर के कुछ महीने बढ़ाने का विकल्प भी मिल सकता है.
वहीं, ग्राहकों के सामने बैंक एक खास डेडलाइन तक वन टाइम सेटलमेंट का विकल्प भी रख सकते हैं. ये डेडलाइन 6 से 9 महीने की हो सकती है. मतलब ये कि आपको एक खास समय तक एकमुश्त पेमेंट करना पड़ सकता है.
बता दें कि अभी बैंकों को तय करना है कि वो कौन से लोन पर ईएमआई की छूट दे रहे हैं. मतलब ये कि रिटेल, कमर्शियल या अन्य तरह के लोन लेने वाले लोगों के लिए अब भी एक तरह का कन्फ्यूजन बना हुआ है.