RBI के दरों में इजाफे के बाद बैंकों ने महंगा किया कर्ज, चुकानी होगी ज्यादा EMI

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रेपो रेट बढ़ाने के बाद अब बैंकों ने ब्याज दरों में इजाफा करना शुरू कर दिया है। बैंकों की तरफ से ब्याज दरों में इजाफा होने के बाद अब उपभोक्ताओं को महंगे कर्ज के साथ ही ज्यादा ईएमआई का भुगतान करना पड़ेगा।

सोमवार को निजी क्षेत्र के दिग्गज बैंक एक्सिस बैंक ने एक वर्ष के मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) को 8.5 फीसद से बढ़ाकर 8.6 फीसद कर दिया है। वहीं सिंडिकेट बैंक ने एक साल की एमसीएलआर को 5 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाकर 8.55 फीसद कर दिया है।

बैंक ने अन्य अवधियों के लिए एमसीएलआर में बदलाव नहीं किया है। वहीं, फेडरल बैंक ने 0.10 फीसद से 0.20 फीसद तक एमसीएलआर दर बढ़ा दी है। इंडसइंड बैंक ने भी 0.20 फीसद तक की बढ़ोतरी की है। कुछ दिन पहले सरकारी क्षेत्र के आंध्रा बैंक ने भी एमसीएलआर में 5 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाकर 8.55 फीसद कर दी थी। जानकारी के लिए बता दें कि 100 बेसिस प्वाइंट्स का मतलब एक फीसद होता है।

क्या होती है एमसीएलआर दर:

एमसीएलआर वह दर होती है जिस पर किसी बैंक से मिलने वाले ब्याज की दर तय होती है। इससे कम दर पर कोई भी बैंक लोन नहीं दे सकता है, सामान्य भाषा में कर्ज देने के लिए यह आधार दर होती है।

आपको बता दें कि आरबीआई की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी करने के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक और करूर वैश्य बैंक ब्याज दरों में इजाफा कर चुके हैं। वहीं आरबीआई की मौद्रिक नीति समीति बैठक से पहले ही भारतीय स्टेट बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक और पंजाब नेशनल बैंक ने एमसीएलआर में इजाफा कर दिया था।

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