भारत में नोटबंदी के बाद डिजिटल पेमेंट्स के लिए एक ओर लोगों का रुझान बढ़ा है तो वहीं दूसरी ओर इस पर साइबर खतरा भी मंडरा रहा है। आरबीआई ने इस खतरे के मद्देनजर डिजिटल पेमेंट कराने वाली कंपनियों को सुरक्षा के लिए स्पेशल ऑडिट कराने को कहा था।
आपको बता दें कि हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक नोटिफिकेशन जारी कर सभी प्रीपेड इंस्ट्रमेंट्स कंपनियों को प्राथमिकता के आधार पर स्पेशल ऑडिट की सलाह दी थी। इसके साथ ही ऑडिट के बाद आई रिपोर्ट के आधार पर तत्काल कदम उठाने की बात भी आरबीआई की तरफ से कही गई थी।
रिजर्व बैंक ने मोबाइल वॉलेट कंपनियों को स्पेशल ऑडिट के तहत सिस्टम ऑडिट में हार्डवेयर स्ट्रक्चर, ऑपरेटिंग सिस्टम और अहम ऐप्लिकेशंस, सिक्यॉरिटी और कंट्रोल, समेत अन्य जरूरी आकलन करने को कहा था।
मोबिक्विक और सिट्रस जैसी कंपनियों ने आरबीआई की सलाह के अनुसार ऑडिट का काम शुरू कर दिया है। सिट्रस के फांउडर जिंतेंद्र गुप्ता कहते हैं कि हमने आरबीआई के निर्देशों के अनुसार ऑडिट करना शुरू कर दिया है। मोबिक्विक के डाइरेक्टर प्रॉडक्ट्स रोहन खारा का भी कहना है कि ये प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, हम इसे जल्द पूरा कर लेंगे। वहीं पेटीएम का कहना है कि हम आरबीआई के मुताबिक ऑडिट जरूरतों का पालन कर रहे हैं।
मोबिक्विक और सिट्रस जैसी कंपनियों ने आरबीआई की सलाह के अनुसार ऑडिट का काम शुरू कर दिया है। सिट्रस के फांउडर जिंतेंद्र गुप्ता कहते हैं कि हमने आरबीआई के निर्देशों के अनुसार ऑडिट करना शुरू कर दिया है। मोबिक्विक के डाइरेक्टर प्रॉडक्ट्स रोहन खारा का भी कहना है कि ये प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, हम इसे जल्द पूरा कर लेंगे। वहीं पेटीएम का कहना है कि हम आरबीआई के मुताबिक ऑडिट जरूरतों का पालन कर रहे हैं।