यूपी। जहरीली शराब पीने वाले पांच लोगों को दिखाई देना बंद हो गया है। सरकारी ठेके से शराब खरीदकर पीने वाले सात लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 19 लोगों का उपचार एसआरएन अस्पताल में चल रहा है। इनमें से पांच लोगों का कहना है कि उन्हें कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि शराब के असर का अभी आकलन नहीं किया जा सका है। आंखों की रोशनी जाने से पीड़ित परिवारों में कोहराम मचा हुआ है।

फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के अमिलिया गांव स्थित शराब के ठेके से जहरीली शराब का सेवन करने से अमिलिया गांव के अलावा अगरापट्टी, अरवासी, खंसार, अगहुआ, कोनार गांव के सात लोगों की मौत हो गई थी। इसी दौरान करीब 19 लोगों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में भर्ती कोनार गांव के फूलचंद्र गौतम, ताराचंद्र व पवन, अमिलिया के अनिल कुमार, अगरापट्टी के बब्लू को दिखाई देना बंद हो गया है। उनके परिजन व बच्चे इस बात को लेकर हैरान हैं कि आखिर उनकी आगे की जिंदगी कैसे चलेगी। मामले में शराब व्यवसायी महिला समेत सात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए सभी को जेल भेजा जा चुका है।
जहरीली शराब का सबसे ज्यादा प्रभाव पीड़ितों की आंखों पर पड़ता है। दवाओं के साथ पीड़ितों की नियमित डायलिसिस और आंखों की जांच-इलाज किया जा रहा है। जहर का असर कम होने पर शरीर के अंगों के साथ आंखों पर कितना पड़ा है, पता चलेगा। डॉक्टरों की टीम शराब कांड के बाद भर्ती हुए मरीजों की देखभाल कर रही है। – डॉ. एसपी सिंह, प्राचार्य एमएलएन मेडिकल कॉलेज, निदेशक मनोहर दास क्षेत्रीय नेत्र संस्थान
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