नई दिल्ली. संसद भवन मंगलवार को राजनीतिक प्रदर्शनों का गवाह बना. संसद परिसर में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने पीएनबी घोटाले को लेकर प्रदर्शन किया, वो शिवसेना सांसदों ने मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. टीडीपी सांसदों की मांग थी कि आंध्र प्रदेश को स्पेशल कैटिगरी का स्टेटस दिया जाए. इसे लेकर आंध्र के टीडीपी सांसदों ने गांधी मूर्ति के पास प्रदर्शन किया.
संसद परिसर में राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस सांसदों ने तख्तियों के साथ प्रदर्शन किया. ये प्रदर्शन पीएनबी घोटाले पर था. कांग्रेसियों ने नारे लगाए- ‘देश का चौकीदार कहां गया, सो गया-सो गया’ वहीं, लोकसभा में भी विपक्ष ने हंगामा किया. इसके बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई. इस सत्र में विपक्ष सरकार को पीएनबी घोटाला, नीरव मोदी, राफेल डील और एसएससी परीक्षाओं में धांधली पर जैसे मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर चुका है.
बता दें कि लोकसभा में 28 में से 21 बिल इस सत्र के लिए पेंडिंग हैं. इसके अलावा बाकी 7 बिल स्थायी समितियों या संयुक्त समितियों के पास हैं. राज्यसभा में 39 बिल पेंडिंग हैं. पीएनबी धोखाधड़ी मामले, कावेरी मुद्दे, आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को पूरी तरह लागू करने की मांग व कुछ अन्य मुद्दों को लेकर लोकसभा में भी कांग्रेस एवं कई दूसरे दलों के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया जिससे सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ मिनटों बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
बजट सत्र के दूसरे दौर के दूसरे दिन की कार्यवाही आरंभ होने पर सोमवार की तरह ही कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा. पीएनबी धोखाधड़ी मामले को लेकर कांग्रेस के गौरव गोगोई सहित कई सदस्य लोकसभा अध्यक्ष के आसन निकट पहुंचकर नारेबाजी करने लगे. इसी दौरान आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को पूरी तरह लागू करने और विशेष पैकेज की मांग को लेकर तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) सदस्य भी नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए. उनके हाथों में तख्तियां थीं और वे ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे लगा रहे थे.
अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर हंगामा किया और आसन के समीप जाकर नारेबाजी की. तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों ने भी राज्य में आरक्षण कोटे में बढ़ोतरी के मुद्दे पर अपनी मांग को लेकर लोकसभा अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की. शिवसेना के सदस्यों ने भी मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने की मांग की.
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने एवं शांत रहने की अपील की लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा. शोर शराबा थमता नहीं देख उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इन्हीं मुद्दों को लेकर कल भी सदन की कार्यवाही बाधित हुई थी और पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी थी.