किसान आंदोलन में अब तक एक युवा किसान और किसानों मौत हो चुकी है। जिसको लेकर किसान में आक्रोश दिखाई दे रहा है। वहीं, युवा किसान शुभकरण की मौत के मामले पेंच फंस गया है। ऐसे में अब सभी की निगाह पंजाब सरकार पर है।
संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा की ओर से आज की शाम को शहीद शुभकरण सिंह और अन्य तीन शहीद किसानों की स्मृति में कैंडल मार्च आयोजित किया जाएगा। 25 फरवरी को शंभू एवं खनौरी बॉर्डर पर देशभर के किसानों को जागरूक किया जाएगा। इसके बाद 26 फरवरी को देश में सभी गांवों और शंभू तथा खनौरी बॉर्डर पर पुतले फूंके जाएंगे। 27 फरवरी को दोनों फोरम की राष्ट्रीय स्तर की बैठक शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आयोजित होगी। फिर 28 फरवरी को दोनों फोरम की साझा बैठक आयोजित करके 29 को किसान आंदोलन के आगामी बड़े फैसले का एलान किया जाएगा।
सैकड़ों किसान राजपुरा की तरफ से चलते हुए शंभू बैरिगेड तक पहुंचे
खनौरी बॉर्डर पर हुई युवा किसान शुभकरण की मौत के मामले में किसानों ने शुक्रवार को सिर पर काली पट्टी बांधकर और हाथों में काले झंडे लेकर रोष मार्च निकाला। इसमें सैकड़ों किसान राजपुरा की तरफ से चलते हुए शंभू बैरिगेड तक पहुंचे, जहां किसानों ने सरकार का पुतला दहन किया। इस दौरान खनौरी बॉर्डर पर हुए घटनाक्रम को लेकर शुक्रवार को भी किसान में आक्रोश दिखा।
युवा किसान शुभकरण की मौत के बाद केस दर्ज करने का पेंच फंसता दिखाई दे रहा है। क्योंकि अधिकांश किसान नेताओं का मानना है कि पंजाब सरकार को मृतक किसान शुभकरण की मौत के मामले में संबंधित पुलिस अधिकारियों पर हत्या का केस दर्ज करना चाहिए। जब तक हत्या का केस दर्ज नहीं होगा, तब तक किसान नेता भी दिल्ली कूच का फैसला नहीं लेंगे। ऐसे में अब सभी की निगाह पंजाब सरकार पर है। इधर किसानों ने खनौरी में पुलिस की कार्रवाई के विरोध में सभी लोगों से घर व गाड़ियों पर काला झंडा लगाने की बात कही है। इधर, शुक्रवार को भी किसान सुस्ताकर अपना दिन काटते दिखाई दिए।
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