सीएम भगवंत मान ने वित्त आयोग के साथ बैठक में कहा कि देशभर के राज्यों से पंजाब अलग है। यहां की परिस्थितियां एवं चुनौतियां भी अलग हैं। पंजाब एक सरहदी इलाका है, जो पाकिस्तान के साथ करीब 550 किलोमीटर से अधिक का बॉर्डर एरिया साझा करता है।
पंजाब सरकार ने 16वें वित्त आयोग से सूबे के लिए स्पेशल पैकेज के तहत 1,32,247 करोड़ रुपये की मांग की है। वित्त आयोग के चेयरमैन डॉ. अरविंद पनगढ़िया के साथ सेक्टर-17 के होटल में हुई आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस स्पेशल पैकेज की मांग की।
सरकार का इस स्पेशल पैकेज में मुख्य फोकस प्रदेश के विकास कार्यों, फसलों के विविधीकरण, पराली प्रबंधन और गांवों की दिशा व दशा बदलने पर है।
सीएम मान ने वित्त आयोग के समक्ष नार्को टेररिज्म और ड्रग्स तस्करी की बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए पैकेज के तहत 8,846 करोड़ रुपये मांगे हैं। इस दौरान वित्त आयोग की बैठक में सीएम के अलावा वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, आयोग के सदस्यों में अजय नारायण झा, एनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पांडा और डॉ. सौम्यकांती घोष के अलावा सचिव ऋत्विक पांडे मौजूद थे।
सीएम मान ने बैठक में कहा कि देशभर में एकत्रित होने वाले सेंट्रल टैक्स में अब तक सूबे को 41 प्रतिशत राज्य का हिस्सा मिल रहा है, जिसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाना चाहिए। बता दें कि अब तक केंद्र 59 प्रतिशत व राज्य 41 प्रतिशत टैक्स का हिस्सा रखते हैं। कर विभाजन की इस प्रक्रिया को वर्टिकल डेव्यूलेशन भी कहते हैं। पनगढ़िया ने कहा कि राज्य ने धन के विभाजन के लिए जनसंख्या और क्षेत्र जैसे मानदंडों को दिए जाने वाले महत्व में कुछ बदलाव की मांग की है।
सीएम ने आयोग के समक्ष पंजाब की जरूरतों और चुनौतियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए बताया कि देश को खाद्य उत्पादन, स्वतंत्रता प्राप्त करने और संरक्षित करने में आत्मनिर्भर बनाने में पंजाब का अपार योगदान रहा है। इन तथ्यों का हवाला देते हुए सीएम ने आयोग से राज्य को एक विशेष आर्थिक पैकेज दिए जाने की मांग रखी।
पंजाब के राजस्व में 33 प्रतिशत की वृद्धि
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने वित्त आयोग के चेयरमैन को रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि सरकार के कर अपने कर राजस्व में बीते दो सालों में वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य के कर राजस्व दर ने राष्ट्रीय विकास दर को पीछे छोड़ दिया है। मंत्री चीमा ने बताया कि जीएसटी राजस्व में 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अकेले आबकारी में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
वित्त मंत्री चीमा ने बताया कि मार्च 2017 में लिए 30,584 करोड़ रुपये के कैश क्रेडिट ऋण और वर्ष 2021 में चुनावों से ठीक पहले दी गई सब्सिडी ने राज्य की अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है। ऐसे में इस स्पेशल पैकेज के जरिए वित्त मंत्री ने पंजाब की अर्थव्यवस्था और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में सामने आ रहीं चुनौतियों को दूर करने का अपना प्लान शेयर किया।
पंजाब सरकार का प्लान, स्पेशल पैकेज इन क्षेत्र में होगा खर्च
क्षेत्र – स्पेशल पैकेज में की मांग (रुपये करोड़ों में)
विकास कार्यों के लिए – 75,000
कृषि और धान विविधीकरण के लिए – 17,950
रुरल लोकल बॉडीज (गांवों के विकास के लिए) – 10,000
अर्बन लोकल बॉडीज (शहरों के विकास के लिए) – 9,426
नार्को टेररिज्म और ड्रग्स तस्करी से निपटने केलिए – 8,846
उद्योगों के पुनरुद्धार के लिए – 6,000
पराली प्रबंधन के लिए – 5,025
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