पंजाब के जालंधर में वेस्ट हलके के 181 पोलिंग स्टेशनों पर वोटिंग होगी। 1.71 लाख मतदाता अपना विधायक चुनेंगे। हलके में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है। स्कूल, कॉलेजों व सरकारी विभागों में अवकाश रहेगा।
पंजाब की प्रमुख पार्टियों के लिए आन का सवाल बने जालंधर वेस्ट हलके के उपचुनाव को करवाने के लिए जिला प्रशासन व चुनाव आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। वेस्ट विधानसभा क्षेत्र के लिए बुधवार 10 जुलाई को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा।
निर्वाचन क्षेत्र में कुल 1,71,963 मतदाता हैं। इनमें 89,629 पुरुष व 82,326 महिलाएं शामिल हैं। साथ ही उक्त क्षेत्र में आठ थर्ड जेंडर मतदाता भी हैं। इन सभी के लिए कुल 181 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। चुनाव को देखते हुए हलके में सरकारी स्कूल, कॉलेज व अन्य शैक्षणिक संस्थान आज बंद रहेंगे। जालंधर डीसी कम चुनाव अधिकारी हिमांशु अग्रवाल की ओर से जारी आदेश में यह कहा गया है कि 10 जुलाई बुधवार को अवकाश रहेगा।
डीसी अग्रवाल ने कहा कि सरकारी कार्यालयों, बोर्ड, निगमों और शैक्षणिक संस्थानों सहित राज्य सरकार के सभी कर्मचारी, जो निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता हैं, इस विशेष अवकाश के हकदार हैं। इसी तरह व्यापार, उद्योग, वाणिज्यिक व औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले मतदाताओं को वेतन सहित अवकाश दिया जाएगा।
दूसरी तरफ अपनी-अपनी पार्टियों के लिए प्रचार कर रहे बड़े नेता वेस्ट हलके से निकल गए हैं। पुलिस ने हलके की सुरक्षा बढ़ा दी है व किसी भी तरह की परिस्थिति से निपटने के लिए भारी भरकम फोर्स लगाई गई है।
सीएम के लिए प्रतिष्ठा, अकाली दल की राजनीति पर होगा प्रभाव
जालंधर वेस्ट उपचुनाव के लिए आज मतदान होगा। इस उपचुनाव के परिणाम ही पंजाब की राजनीति की अगली दशा व दिशा तय करेंगे। सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए यह चुनाव अहम है। सीएम मान और उनके परिवार ने खुद आप उम्मीदवार से भी आगे निकलकर प्रचार में पूरी ताकत लगाई। उनकी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर निर्वाचन क्षेत्र के हर हिस्से और गली-मोहल्ले में घूमकर लोगों से वोट मांगने गई। सीएम मान की इस मेहनत के पीछे लोकसभा चुनाव में आप की उम्मीद से कम सीटें आने को देखते हैं।
आम आदमी पार्टी अगर यह सीट भी हार जाती है तो इससे राज्य सरकार में लोगों के विश्वास की कमी के रूप में देखा जाएगा। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के दौरान सीएम मान ने 13-0 का नारा दिया था, जिसका लक्ष्य पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटें जीतना था। हालांकि, पार्टी केवल तीन सीटें ही जीत पाई। दो मालवा (संगरूर और आनंदपुर साहिब) और एक दोआबा क्षेत्र (होशियारपुर)। होशियारपुर में भी जीत का श्रेय डॉ. राजकुमार चब्बेवाल के व्यक्तिगत तालमेल को दिया गया और वह कांग्रेस से आए थे।
2022 के विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत के बाद पार्टी के वोट शेयर में गिरावट देखी गई। एक माह पहले लोकसभा परिणाम में पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में आप लोकसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रही थी। कांग्रेस को सबसे अधिक 44,394 वोट मिले, उसके बाद भाजपा (42,837 वोट) रही। आप को केवल 15,629 वोट मिले थे।
यह जीत खास तौर पर सीएम मान के नेतृत्व के लिए राहत लेकर आएगी। वेस्ट से हार सरकार के लिए एक बड़ा झटका होगी और सीएम मान के नेतृत्व पर सवालिया निशान लगा देगी। मान ने यह चुनाव दिल्ली टीम के बिना लड़े हैं।
संदीप पाठक व राघव चड्डा और पंजाब के प्रभारी जरनैल सिंह तक सक्रिय नहीं रहे। लिहाजा सारा बोझ सीएम मान के कंधों पर रहा। 2022 में 117 विधानसभा सीटों में से 92 सीटें जीतने वाली आप लोकसभा चुनावों में 84 विधानसभा क्षेत्रों में हार गई और केवल 33 पर बढ़त हासिल कर सकी।
कांग्रेस की तरफ से पीपीसीसी प्रधान राजा वड़िंग व सांसद चन्नी ने ही प्रचार की कमान संभाली। सांसद चन्नी के लिए यह परीक्षा होगी वह वेस्ट विधानसभा हलके से आप से 29 हजार वोटों से आगे थे और अभी एक माह ही पूरा हुआ है। अगर कांग्रेस यहां से हार जाती है तो चन्नी के लिए भी स्थिति असहज हो जाएगी। कांग्रेस की दिल्ली इकाई की तरफ से यह चुनाव स्थानीय नेताओं के कंधों पर लड़ा है। अगर कांग्रेस जीत जाती है तो चन्नी की लोकप्रियता कायम रहेगी और दिल्ली दरबार में कद बढ़ जाएगा। इस सीट से कांग्रेस कई बार जीत चुकी है। यहां से सुशील रिंकू, मोहिंदर केपी विधानसभा में जा चुके हैं।
भाजपा की टीम के लिए यह चुनाव आगे की राजनीति तय करने जा रहा है। भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़ के लिए समय आगे ही ठीक नहीं चल रहा है। उनकी लीडरशिप में पंजाब में भाजपा एक भी सीट जीत नहीं पाई है। भाजपा में इस बात को लेकर पहले से रोष चल रहा है कि कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा में आकर पार्टी लीडरशिप पर कब्जा कर लिया है। कांग्रेस से आये रवनीत बिट्टू केंद्र में मंत्री बन गए हैं। दिल्ली की टीम ने जालंधर वेस्ट उपचुनाव से किनारा रखा है।
कोई भी केंद्रीय मंत्री प्रचार के लिए नहीं आया। भाजपा अगर सीट हार जाती है तो जाखड़ की लीडरशिप पर सवाल उठना तय है। कारण, शीतल अंगुराल एक विधायक होते हुए भाजपा में शामिल हुए। इस सीट से भाजपा के चुन्नी लाल भगत तीन बार जीत चुके हैं और पंजाब में मंत्री भी रहे हैं। एक माह पहले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने वेस्ट विधानसभा क्षेत्र से 42,837 मत लिए थे और चन्नी से महज 1500 मत से हारे थे।
अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल व बागी धड़े के लिए जालंधर वेस्ट की सीट आगे की राजनीति तय करेगी। लोकसभा चुनावों में जालंधर वेस्ट में तकड़ी को 2500 मत मिले थे। बागी धड़े की बीबी जागीर कौर, गुरप्रताप वडाला, प्रेम सिंह चंदूमाजरा समेत कई नेताओं ने जमकर प्रचार किया। अगर शिअद उम्मीदवार 2500 से अधिक मत ले गई तो यह सुखबीर बादल के लिए झटका होगा। उनके खिलाफ विरोधी व बागी धड़े को बल मिलेगा।
चार उपचुनाव सिर पर, निकाय चुनाव पर भी असर होगा…
जालंधर वेस्ट उपचुनाव का असर बाकी उपचुनाव पर होगा। वेस्ट के बाद चब्बेवाल, डेरा बाबा नानक, बरनाला, गिदड़बाहा के उपचुनाव है। इन विधानसभा हलकों पर पूरा असर होगा। इसके बाद निकाय चुनाव भी हैं। जिस पर असर होना तय है।