प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह कानपुर को केंद्र में रखकर यहां राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक का आयोजन किया, उससे अब यहां गंगा के दिन बहुरने वाले हैं। प्रदेश में निकलने वाली दो गंगा यात्रा की रूपरेखा भी कानपुर को ध्यान में रखकर ही तैयार की गई है। माना जा रहा है कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर जनवरी के अंत या फरवरी में कानपुर आ सकते हैं। यह देखते हुए प्रशासन ने इंतजाम तेज कर दिए हैं। कानपुर में गंगा तट के गांवों में कचरा निस्तारण के विशेष प्रबंध करने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
पांच-पांच दिवसीय दो यात्राएं निकलेंगी
जनवरी में बिजनौर से कानपुर और बलिया से कानपुर तक दो गंगा यात्रा निकाली जाएंगी। ये यात्राएं प्रदेश के 1026 ग्रामों और कानपुर के 32 गंगा तटीय गांवों से होकर गुजरेंगी। पांच-पांच दिवसीय इन यात्राओं में प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, प्रदेश के मंत्री, सांसद और विधायक भी शामिल होंगे। जलमार्ग और सड़क मार्ग से चलने वाली इन यात्राओं में ये वीवीआइपी किन्हीं चार गांवों में रात्रि विश्राम करेंगे। यह देखते हुए मुख्य सचिव ने सभी 26 जिलों के प्रशासन को साफ सफाई के निर्देश दिए हैं। कानपुर में प्रशासन ने भी इसके लिए विशेष तैयारी की है।
बनाई गई गांवों में कचरा निस्तारण की योजना
कानपुर में आने वाले 32 गांवों में कचरा निस्तारण की योजना बनाई गई है। इन गांवों में कचरे से खाद बनाने, नालियों को गांव में रोकर जल को शोधित कर उपयोग सिंचाई के लिए करने की योजना बनाई जा रही है। नदी के किनारे अधिक से अधिक पौधारोपण की भी तैयारी है। यह माना जा रहा है कि कानपुर को केंद्र में रखकर बनाई गई इस यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर आ सकते हैं। ऐसे में प्रशासन हर हाल में यह काम यात्रा प्रारंभ होने से पहले कर लेना चाहता है। हालांकि प्रशासनिक अफसर अभी इस संबंध में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। बस वे गांवों में कचरा निस्तारण प्लांट, शौचालयों का प्रयोग कराने के लिए जागरूकता, कचरे से जैविक खाद बनाने के लिए प्लांट स्थापना की तैयारी में जुट गए हैं।