नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गति शक्ति योजना की शुरुआत करेंगे। इसके तहत सरकार के 16 विभागों को मिलाकर एक मास्टर प्लान बनाया गया है, जिसके तहत आधारभूत संरचनाओं से संबंधित विभाग जैसे रेलवे, पेट्रोलियम, ऊर्जा, उड्डयन ,सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल, जैसे सरकार के 16 मंत्रालय को शामिल किया है। इन मंत्रालय के जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं, उन सबको गति शक्ति योजना में जोड़ दिया गया है।
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योजना का मक़सद सभी विभागों में तालमेल बनाकर विकास के काम को तेज़ी से पूरा करने का है। उदाहरण के तौर पर दिल्ली या किसी शहर में कोई सड़क बनी और फिर उसे कुछ दिन बाद तोड़कर उसके नीचे कभी केबल तो कभी पाइप लाइन डाला जाता है। इसके अलावा देश के कई सारे प्रोजेक्ट में कई बार दूसरे विभाग के मंज़ूरी की ज़रूरत होती है और उसकी वजह से कई बार काम रुका रहता है। अब प्रधानमंत्री इस विज़न के तहत इन सभी समस्या के लिए वन विंडो सलूशन की तरफ़ बढ़ने की कोशिश है।
गति शक्ति योजना के तहत सभी ज़रूरी योजनाओं को नेशनल मास्टर प्लान के अंदर रखा जायेगा, जिसमें 16 मंत्रालयों के ज्वाइंट सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी और इससे जुड़े विशेषज्ञ शामिल होंगे। इसमें डाले गए योजनाओं को अधिकारी और विशेषज्ञ सैटेलाइट से ज़रिए 3 डी इमेज के जरिये मूल्यांकन करेंगे और इसकी बाधाओं को दूर करने के लिए अपने सुझाव देंगे।
अमूमन देश में कही राष्ट्रीय मार्ग बन रहा है या बनने वाला है तो ये सभी थ्री डी इमेज के जरिये बतायेगा कि सड़क किस रास्ते से जाए, रास्ते में कहां जंगल आएगा, उससे बचकर कैसे दूसरी तरफ से सड़क ले जाई जा सकती है। साथ ही दूसरे मंत्रालय को भी जानकारी देगा कि ये सड़क बन रही है और अगर आपको केबल बिछानी है या गैस पाइप लाइन ले जानी है, तो आप बेहतर समन्वय से पहले ही काम कर लीजिए ताकि बाद में सड़क बनने के बाद फिर उसको तोड़ कर कुछ काम न करना पड़े।
‘गति शक्ति’ मुख्य तौर पर योजनाओं की तमाम बाधाओं को दूर करने, विभागों में बेहतर समन्वय और उसमें राज्यों को भी शामिल करने की एक योजना है। गति शक्ति योजना योजना के लिए वाणिज्य विभाग का लॉजिस्टिक डिपार्टमेंट एक नोडल एजेंसी के तहत काम करेगा।