मोदी सरकार नोटबंदी और जीएसटी जैसे अपने फैसलों के लिए लगातार विपक्ष का निशाना बनी हुई है. एक तरफ जहां विपक्ष लगातार पीएम मोदी और उनके फैसलों की आलोचना में जुटा हुआ है. वहीं, पिछले दो महीनों के भीतर 4 ऐसी खबरें आईं, जिन्होंने मोदी सरकार को ताकत देने का काम किया है.
गुरुवार को आए जीडीपी के आंकड़ों ने भी मोदी के ‘अच्छे दिनों’ पर मुहर लगाई है. इससे जहां विपक्ष का हमला कमजोर होता जा रहा है. वहीं, मोदी सरकार के और भी कड़े फैसले लेने की ताकत बढ़ रही है.
नवंबर महीने में आई इन खबरों ने मोदी सरकार को ताकत देने का काम किया है. इन खबरों ने न सिर्फ मोदी सरकार के जीएसटी और नोटबंदी जैसी कड़े फैसलों को सराहा है, बल्कि उसे आगे भी ऐसे कदम उठाने को प्रोत्साहित किया है.
जीडीपी दर सुधरी
वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में जीडीपी ने रफ्तार पकड़ी है. इस दौरान जीडीपी ग्रोथ 6.3 फीसदी रहा. पिछली तिमाही के मुकाबले इस बार जीडीपी की रफ्तार 0.6 फीसदी बढ़ी है. इन आंकड़ों ने मोदी सरकार को सबसे ज्यादा राहत दी है. जीएसटी के लागू होने के बाद पहली बार जीडीपी आंकड़े आए हैं. इन आंकड़ों के बेहतर होने से मोदी सरकार को जीएसटी लागू करने के अपने फैसले का बचाव करने का मौका मिल गया है.
यही वजह है कि जीडीपी के आंकड़े आने के तुरंत बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि अब नोटबंदी और जीएसटी का बुरा असर खत्म हो गया है. उन्होंने दावा किया है कि अगली तिमाही में जीडीपी के आंकड़े और भी बेहतर होंगे. जेटली ने कहा कि दो बड़े सुधार- नोटबंदी और जीएसटी हमारे साथ हैं.
मूडीज रेटिंग
नरेंद्र मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लगातार कड़े फैसले ले रही है. देश में भले ही इन फैसलों का विरोध होता हो, लेकिन दुनिया की कई एजेंसियों ने इन फैसलों की तारीफ की है. अमेरिका की रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को सुधारा है. भारत अब BAA3 ग्रुप से उठकर BAA2 ग्रुप में आ गया है.
13 साल बाद हुआ बदलाव
मूडीज़ की इस रैंकिंग में सुधार की वजह भारत के द्वारा किए जा रहे आर्थिक और सांस्थानिक सुधार हैं. इस रेटिंग में करीब 13 साल बाद बदलाव हुआ है, इससे पहले 2004 में भारत की रेटिंग BAA3 थी. इससे पहले 2015 में रेंटिंग को स्टेबल से पॉजिटिव की कैटेगिरी में रखा गया था. मूडीज ने भी जीएसटी और नोटबंदी जैसे मोदी सरकार के फैसलों को सराहा है.
S&P ने सुधारा भारत का आउटलुक
नवंबर महीने में मूडीज के बाद रेटिंग एजेंसी S&P ने भी मोदी सरकार के लिए अच्छी खबर दी. स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) ने भारत के आउटलुक को जहां स्थाई रखा है. वहीं, रेटिंग में कोई बदलाव न करते हुए इसे BBB- पर ही बरकरार रखा है. मूडीज के बाद एसएंडपी ने भी मोदी सरकार की तरफ से राजकोषीय समेकन के लिए उठाए जा रहे कदमों की सराहना की है.
जनवरी 2007 में बदली थी भारत की रेटिंग
इससे पहले एसएंडपी ने जनवरी 2007 में भारत की रेटिंग बदली थी. तब उसने भारत को BBB-रेटिंग दी थी. यह रेटिंग बॉन्ड्स के निवेश में सबसे निचली रेटिंग होती है. 2007 में रेटिंग एजेंसी ने आउटलुक स्थायी किया था, लेकिन 2009 में इसे बदलकर ‘निगेटिव’ कर दिया था. इसके बाद फिर 2010 में इसे स्थाई कर दिया गया था.
विश्व बैंक ने भी किया सलाम
नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार को लेकर चिंताजनक रुझानों के बीच विश्व बैंक की रिपोर्ट अच्छी खबर लेकर आई. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत ने 30 पायदान की लंबी छलांग मारी और 100वें स्थान पर पहुंच गया. यह पहली बार है, जब भारत ने इतनी लंबी छलागं लगाई है.
इन फैसलों को सराहा
विश्व बैंक ने भी देश में मोदी सरकार की तरफ से कैशलेस इकोनॉमी बनाने के लिए लिये गए फैसलों की सराहना की है. विश्व बैंक ने इसके अलावा दिवालिया कानून और डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों को भी सराहा. व्यापार सुगमता के मामले में इतनी बड़ी छलांग लगाने के बाद दुनियाभर में निवेशकों का भरोसा भारत को लेकर बढ़ा है. इसके साथ ही बढ़ा है मोदी सरकार का विश्वास.