परमाणु हथियारों के अप्रसार पर नियंत्रण रखने वाले एक बड़े समूह में भारत को भी प्रवेश मिल गया है। परमाणु हथियारों के निर्यात पर नियंत्रण रखने वाली वासेनार संधि में भारत की सदस्यता स्वीकार कर ली गई है। 
इससे परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर नहीं करने के बावजूद अप्रसार के क्षेत्र में भारत की विश्वसनीयता बढ़ जाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि समूह के 41 सदस्यों की संपूर्ण बैठक में भारत के आवेदन पर विचार किया गया। बैठक के पहले ही रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रिबकोव ने उम्मीद जताई थी कि भारत को सदस्यता मिलना तय है।
भारत लंबे समय से परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी), वासेनार संधि और ऑस्ट्रेलिया ग्रुप समेत सभी बड़े निर्यात नियंत्रण समूहों की सदस्यता के लिए प्रयासरत रहा है। पिछले साल इसे मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजिम (एमटीसीआर) में प्रवेश मिला था जिससे इसके लिए महत्वपूर्ण मिसाइल टेक्नोलॉजी हासिल करने और अपनी मिसाइलों को निर्यात करने का रास्ता खुला।
लेकिन एनएसजी की सदस्यता के लिए चीन लगातार अड़ंगा लगाता आ रहा है।
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