गुजरात चुनाव के अंतिम चरण में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा साबरमती में वोट डालने के बाद ‘रोड शो’ निकालने पर बवाल मच गया है। कांग्रेस ने इसे चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन बताते हुए आरोप लगाया कि चुनाव आयोग पीएमओ के दबाव में काम कर रहा है।
गुजरात कांग्रेस के प्रभारी अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि, भाजपा और उसके नेताओं द्वारा चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामलों की लगातार शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक इंटरव्यू देकर अपनी अभिव्यक्ति जाहिर की तो उनके और चैनल के खिलाफ मुकदमा कर दिया गया।
वहीं कांग्रेस की प्रेस कान्फ्रेंस के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। काफी संख्या में कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। इसके चलते आयोग के अलावा आसपास के इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई।
इसी बीच भाजपा की ओर से भी वरिष्ठ नेताओं का एक समूह चुनाव आयुक्त से मिलने पहुंचा जिसमें केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी मौजूद रहे। भाजपा ने मतदान के दौरान कांग्रेस की प्रेस कान्फ्रेंस को मुद्दा बनाते हुए चुनाव आचार संहिता का आरोप लगाते हुए आयोग से कार्रवाई करने की मांग की है।ये सारा विवाद उस समय शुरू हुआ जब गुजरात चुनाव के अंतिम चरण में प्रधानंमत्री मोदी ने साबरमती पहुंचकर रणिप क्षेत्र में पोलिंग बूथ नंबर 115 पर वोट डाला्। इसके बाद वह बाहर निकले तो सड़कों पर लोगों का हुजूम जमा था, जिसे देख प्रधानमंत्री ने गाड़ी में सवार होकर उनका अभिवादन शुरू कर दिया, जिससे पूरी तरह रोड शो के जैसा नजारा बन गया। इस दौरान भारी संख्या में मौजूद लोगों ने मोदी-मोदी के नारे भी लगाए।
सुरजेवाला का रुख चुनाव आयोग के प्रति खासा तल्ख रहा, उन्होंने आरोप लगाया कि सच्चाई ये है कि देश के चुनाव आयोग ने अपनी सभी संवैधानिक जिम्मेदारियों से किनारा कर लिया है। मोदी जी की डूबती नाव को अब चुनाव आयोग की कठपुतली का सहारा लेना पड़ रहा है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी जिस तरह चुनाव आयोग और प्रशासन के साथ मिलकर रोड शो कर रहे हैं वह सीधे सीधे संविधान की धज्जियां उड़ाने जैसा है।
सुरजेवाला ने कहा कि चुनाव आयोग अब भारतीय जनता पार्टी के एक संगठन के तौर पर काम कर रहा है। जब भाजपा अपना मेनीफेस्टो 8 दिसंबर को वित्तमंत्री के माध्यम से जारी कर रही थी और सीधे सीधे आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा था तब आयोग क्या कर रहा था। 9 दिसंबर को मोदी जी ने अपनी रैली में भाजपा को वोट देने की अपील की जबकि दूसरी ओर पहले चरण का मतदान चल रहा था।
हमने इस संबंध में चुनाव आयोग को याद दिलाया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सुरजेवाला ने बुधवार को अहमदाबाद में हुई अमित शाह की प्रेस कान्फ्रेंस पर भी सवाल उठाया, कहा जिस तरह से सावर्जनिक जगह पर अमित शाह ने प्रेस कान्फ्रेंस की, वह सीधे-सीधे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है।
फिक्की के कार्यक्रम को लेकर भी सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री और आयोग पर निशाना साधा। कहा फिक्की के कार्यक्रम का भी मोदी जी ने चुनावी सभा के तौर पर इस्तेमाल किया लेकिन आयोग ने उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। आज सुबह हमने इस संबंध में चुनाव आयोग से पूछा तो उन्होंने कहा कि हम शाम को 5 बजे के बाद इसमें कार्रवाई करेंगे।