सेनेटरी नैपकीन पर जीएसटी लगाए जाने से बढ़ी कीमतों के विरोध में मध्य प्रदेश के ग्वालियर की महिलाओं ने एक अभियान चलाया है. इसमें महिलाओं के हस्ताक्षरित एक हजार नैपकीन और पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री को भेजकर उनसे सेनेटरी नैपकीन को कर मुक्त करने की अपील की जाएगी.अभियान की सदस्य प्रीति देवेंद्र जोशी ने कहा कि, “सेनेटरी नैपकीन पर कर लग जाने से तो वह और भी महंगा हो गया है. ऐसे में इसका उपयोग मध्यम वर्ग की महिलाएं तो दूर, गरीब परिवार की महिलाएं इसे खरीदने की सोच भी नहीं सकतीं.” सामाजिक कार्यकर्ता हरिमोहन भसनेरिया ने चिंता जताते हुए कहा कि, “कई महिलाओं ने महंगा होने के बाद से इनका उपयोग ही बंद कर दिया है. वे फटे-पुराने कपड़े के टुकड़े से काम चला लेती हैं. इससे संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है.”
उषा धाकड़ ने अभियान की जानकारी देते हुए बताया, “इस अभियान के जरिए किशोरियों, युवतियों व महिलाओं से नैपकीन पर उनका नाम और संदेश लिखवाया जा रहा है. अभियान का पहला चरण पांच मार्च तक चलेगा. पोस्टकार्ड के साथ हस्ताक्षर युक्त एक हजार पैड प्रधानमंत्री को भेजकर हम मांग करेंगे कि सेनेटरी नैपकीन पर लागू 12 प्रतिशत जीएसटी सहित अन्य करों को खत्म किया जाए.” महिला जागृति अभियान के अंतर्गत, पांच मार्च को प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड के साथ एक हज़ार सैनेटरी नैपकीन भेजे जाएंगे. दूसरे चरण में एक लाख और तीसरे चरण में पांच लाख नैपकीन भेजे जाएंगे. इस अभियान की शुरुआत हो चुकी है.