पंजाब सरकार द्वारा नए अर्बन एस्टेट बनाने की जो योजना तैयार की गई है, उसके चलते प्राइवेट प्रोजेक्टों पर ग्रहण लग सकता है, जिसके तहत ग्लाडा के अफसर मंजूरी के आवेदन लेने में आनाकानी कर रहे हैं। यहां बताना उचित होगा कि अर्बन डिवैल्पमैंट विभाग द्वारा अवैध कालोनियों पर रोक लगाने के साथ ही लोगों को सस्ते रेट पर सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ प्लाट मुहैया करवाने के नाम पर नए अर्बन एस्टेट बनाने की योजना तैयार की गई है।
इस योजना के तहत ग्लाडा द्वारा विभिन्न इलाकों में 8 नए अर्बन एस्टेट बनाने का खाका तैयार किया गया है जिसके लिए ग्लाडा द्वारा पहले रैवेन्यू विभाग से नए अर्बन एस्टेट बनाने के लिए मार्क की गई जमीनों का रिकार्ड मांगा गया। अब नए अर्बन एस्टेट बनाने के लिए ग्राऊंड सर्वे करके सरकार को रिपोर्ट भेजने की सूचना है। जिसके बाद ग्लाडा के आफिसर उन इलाकों में नए ग्रुप हाऊसिंग, कालोनी या कर्मिशयल प्रोजैक्ट की मंजूरी के लिए आवेदन स्वीकार करने में आनाकानी कर रहे हैं, जिन एरिया को नए अर्बन एस्टेट बनाने के लिए मार्क किया गया है।
ग्लाडा के अफसरों द्वारा नए अर्बन एस्टेट बनाने के लिए मार्क किए गए एरिया में नए ग्रुप हाउसिंग, कॉलोनी या कर्मिशयल प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए आवेदन स्वीकार करने में आनाकानी करने को लेकर रियल एस्टेट सेक्टर में घबराहट का माहौल पाया जा रहा है। रियल एस्टेट सेक्टर से जुडे़ लोगों का कहना है कि उन्होंने करोड़ों का निवेश करके जमीनें खरीदी हैं और ग्लाडा के रवैये से उस जगह पर प्रोजेक्ट बनाने का सपना चकनाचूर हो सकता है। जहां तक नए अर्बन एस्टेट बनाने की योजना का सवाल है, उससे जुड़ा एक प्रस्ताव पहले फलॉप हो चुका है जिसके तहत लाडोवाल बाइपास के साथ लगते गांवों की कई हजार एकड़ जमीन मार्क की गई थी, जिसे लेकर नक्शा बनने के बाद आगे की कार्रवाई को लेकर कोई खबर नही है।
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