लश्कर कमांडर नवीद जट्ट की सुरक्षाबलों को लंबे समय से तलाश थी. वह पाकिस्तान के मुल्तान शहर का रहने वाला था. बताया जाता है कि 17 साल की उम्र में उसने 2011 में सीमा पार करके जम्मू-कश्मीर में प्रवेश किया था. कश्मीर घाटी के बडगाम जिले के कोठीपुरा गांव में आज सुबह सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में लश्कर का प्रमुख कमांडर नवीद जट्ट मारा गया. इस मुठभेड़ में सेना के 3 जवान भी घायल हुए हैं. जिनमें से एक ने अस्पताल में आखिरी सांस ली.

2013 में वह दक्षिणी कश्मीर में गिरफ्तार हुआ था. उस वक्त वह पुलिस हिरासत में था और कोई उसे नहीं जानता था. फिर इसी साल फरवरी के महीने में उसने आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया.
नवीद ने दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. गिरफ्तार होने के बाद वह जम्मू- कश्मीर में एसएमएचएस हॉस्पिटल से फरार होने में कामयाब हुआ. वह कुछ समय के लिए अंडरग्राउंड भी रहा.
फिर अचानक नवीद सुर्खियों में तब आया जब इसी साल जून के महीने में जम्मू कश्मीर के एक वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या के लिए भी सुरक्षा एजेंसियों ने उसे जिम्मेदार ठहराया.
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उसके बाद नवीद के सिर पर 25 लाख के इनाम की घोषणा की गई. कश्मीर में सबसे ज्यादा देर तक सक्रिय रहने वाले आतंकी नवीद ने कई बार सुरक्षा एजेंसियों को चकमा दिया और आतंकियों के जनाजे में भी वह दिखाई दिया.
लेकिन बुधवार सुबह वह बडगाम जिले में मारा गया. कहा जा रहा है कि नवीद जट्ट के शव को बारामुला के शीरी में दफनाया जाएगा.
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