नई दिल्ली। पलवल में NH-19 अटोहा मोड़ पर दिल्ली कूच के लिए अड़े किसानों ने हंगामा किया। राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। इसकी वजह से कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। वहींकृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली से लगती सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन रविवार को भी 10वें दिन जारी है। इस बीच बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। शनिवार को किसान संगठनों और केंद्र के बीच बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। किसानों के प्रदर्शन की वजह से दिल्ली-एनसीआर की सीमाओं में लोगों को भीषण जाम का सामना करना पड़ रहा है। शनिवार को किसानों ने दिल्ली-नोएडा बॉर्डर को पूरी तरह से सील कर दिया। इससे दिल्ली-नोएडा लिंक रोड पर अक्षरधाम के पास भीषण जाम लग गया।
कृषि कानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के कारण उद्योग जगत को रोजाना करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। कई बड़ी कंपनियों के ट्राले तो जाम में फंसे हुए हैं। दिल्ली से आने वाले कर्मचारी भी कंपनियों में नहीं पहुंच रहे हैं। इसका असर उत्पादन पर पड़ रहा है। आइएमटी इंडस्टि्रयल एसोसिएशन के अनुसार आंदोलन के कारण उद्योग जगह को रोजाना करीब सौ करोड़ रुपये का नुकसान पहुंच रहा है। मानेसर और गुरुग्राम के उद्योगों का दूसरे औद्योगिक क्षेत्रों से व्यापार बंद हो गया है। कई कंपनियों का तैयार माल जाम में फंसा हुआ है। अधिकतर कंपनियों द्वारा माल तैयार करने के बाद भी नहीं भेजा जा रहा कहीं रास्ते में स्थिति खराब हो जाए और तैयार माल को नुकसान हो जाए।
चिल्ला रेगुलेटर बार्डर पर धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन (भानु ) से जुड़े सदस्यों ने नोएडा-दिल्ली के बीच होने वाली आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति को बाधित करने की चेतावनी दी है। धरने पर बैठें किसानों का कहना है केंद्र सरकार उनकी मांगों की लगातार अनदेखी की जा रही है। इसलिए अब उनके पास यही एक मात्र रहा है कि वह दिल्ली-नोएडा के प्रमुख बार्डर से होने वाली आवश्यक सेवा दूध, सब्जी, फल आदि की आपूर्ति को बाधित करके सरकार का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करें।
मुख्यमंत्री केजरीवाल के निर्देश पर शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और विधायक राघव चड्ढा कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सेवादार बनकर किसानों को फल बांटे। चड्ढा ने ट्वीट कर कहा कि रोजाना हम देख रहे हैं कि केंद्र सरकार बैठक कर रही है। किसानों की इतनी सरल मांगें हैं तो प्रतिदिन बैठक करने का क्या मतलब है? उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से केंद्र द्वारा प्रतिदिन बैठक की जा रही है, उससे केंद्र की नीयत पर सवाल खड़ा होता है। उन्होंने कहा कि केंद्र के नेता नीयत साफ रखें और देश के किसानों की बात मानें।
किसानों के आंदोलन को आम आदमी पार्टी (आप) लगातार समर्थन दे रही है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ट्वीट कर कहा कि किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार सुनने को तैयार नहीं है। केंद्र सरकार टालमटोल करने के बजाय किसानों की मांगों को पूरा करे। राय ने कहा कि दिल्ली की सीमा पर अन्नदाता सड़कों पर रात गुजार रहे हैं, यह ठीक नहीं है।