आपने रेड लाइट एरिया और वेश्यावृति के बारे में तो सुना ही होगा जहां औरतों के जिस्म की बोलियां लगती हैं और खरीददार होते हैं पुरूष। आपको बता दें कि कई जाने-माने होटलों में भी यह धंधा जमकर फल-फूल रहा है। मगर दिल्ली में मर्दों की बोली लगती है, जिगोलो की पहचान गले में पहने पट्टे से नहीं बल्कि ड्रेस से होती है। दरअसल कई होटलों में जिगोलो के हाथ में लाल रुमाल और गले में पटटे की बजाय काली पैंट और सफ़ेद शर्ट पहचान होती है। बताया जाता है कि जिगोलो इन होटलों के रेस्तरां में बैठकर कॉफी की चुस्कियां लेते हुए अपने ग्राहक की तलाश करते हैं।
दिल्ली में मर्दों की बोली लगाती हैं नवजवान लडकियाँ
यहां लड़कियां मनचाहे मर्द को एक रात पाने के लिए मनचाही रकम अदा करने को तैयार रहती हैं। अगर दिल्ली की बात करें तो दिल्ली के जिगोलो मार्केट में खुलेआम युवा अपने जिस्म का सौदा करते हैं। राजधानी की सड़कें जब सुनसान होती हैं तब यहां इनका बाजार सजता है। ख़ास बात ये है कि युवा जिस्म की खरीददार उन घरानों या इलाकों की महिलाएं होती हैं जिन्हें आम बोलचाल में इज्ज़तदार या सभ्य कहा जाता है और इनके इलाकों को पॉश।
लेकिन आपको बता दें इस कालिख में सिर्फ़ पुरूषों के ही हाथ काले नहीं हैं बल्कि महिलाएं भी शामिल हैं। दरअसल भारत में भी मर्दों के जिस्म का कारोबार बड़ी तेज़ी से पनप रहा है। आलम यह है कि दिल्ली, मुम्बई और बेंगलुरू जैसे शहरों के कई प्रमुख वीवीआईपी इलाकों की मार्केट में मर्दों का बाज़ार सजता है। देह की इस मंडी को ‘जिगोलो मार्केट’ कहते हैं। इन शहरों के पॉश इलाकों में रात होते ही मर्दों की जिस्म-फ़रोशी के धंधे की मार्केट सज जाती है। सभ्य परिवार की महिलाएं आकर यहां मर्दों की बोली लगाती हैं।