पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सोमवार को कैबिनेट की बैठक होगी. इस बैठक में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को और अधिकार देने के लिए दो कानूनों में संशोधन करने पर निर्णय लिया जाएगा. एनआईए कानून में संशोधन होने के बाद यह जांच एजेंसी विदेश में भारतीय नागरिकों और भारतीय हितों के विरुद्ध आतंकवादी गतिविधियों की जांच कर सकेगी.
मंत्रिमंडल बैठक के बाद संशोधित कानून को इस सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है. संशोधन एनआईए को साइबर अपराध और मानव तस्करी के मामलों की जांच करने का भी अधिकार देगा. इसके साथ ही गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून की अनुसूची चार में संशोधन से एनआईए उस शख्स को आतंकवादी घोषित कर सकेगी, जिस पर आतंकवाद से संबंध होने का शक हो. अब तक, सिर्फ संगठनों को ‘आतंकवादी संगठन’ के रूप में घोषित किया जाता रहा है.
2017 से केंद्रीय गृह मंत्रालय दो कानूनों पर विचार कर रहा है, जिससे एनआईए और ताकतवर हो सके. मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के बाद 2009 में एनआईए का गठन किया गया था. इस दर्दनाक घटना में 166 लोगों की जान गई थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय लंबे अर्से से दो कानूनों पर विचार कर रहा है ताकि नई चुनौतियों से निपटने के लिए एनआईए को और ताकत मिल सके. इसमें साइबर अपराध और किसी शख्स को आतंकी घोषित करने का अधिकार विशेष है क्योंकि दिनों दिन इसके खतरों में बहुत तेजी से वृद्धि देखी जा रही है.