एनआईए ने गुजरात में नकली भारतीय नोट को प्रसारित करने की साजिश में शामिल एक अन्य आरोपित के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। बिहार के कटिहार का रहने वाला अब्दुल गफ्फार 2019 से फरार था। एनआईए द्वारा जारी एक बयान के अनुसार उसे 22 फरवरी को अहमदाबाद से पकड़ा गया था। एजेंसी ने अहमदाबाद की एक विशेष एनआईए अदालत में गफ्फार के खिलाफ अपना पहला पूरक आरोप पत्र दायर किया।
एनआईए ने गुजरात में नकली भारतीय नोट को प्रसारित करने की साजिश में शामिल एक अन्य आरोपित के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। बिहार के कटिहार का रहने वाला अब्दुल गफ्फार 2019 से फरार था। एनआईए द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उसे 22 फरवरी को अहमदाबाद से पकड़ा गया था।
जांच एजेंसी ने अहमदाबाद की एक विशेष एनआईए अदालत में गफ्फार के खिलाफ अपना पहला पूरक आरोप पत्र दायर किया। इसमें गुजरात में नकली नोटों के प्रसार और वितरण के लिए कई आरोपितों द्वारा रची गई आपराधिक साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।
सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के तहत मामला दर्ज
विवरण देते हुए एनआईए ने कहा है कि राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) सूरत ने जून 2019 में रेलवे स्टेशन से नकली नोटों के साथ विनोद निषाद उर्फ विनोद साहनी को गिरफ्तार किया था। इसे लेने वाले महफूज शेख को भी गिरफ्तार कर सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
मामले में तीन आरोपितों को दोषी ठहराया गया
बयान में कहा गया है कि इस मामले में तीन आरोपितों को दोषी ठहराया गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला होने के चलते गृह मंत्रालय ने 18 जुलाई, 2019 को इस मामले को एनआईए को स्थानांतरित कर दिया था।
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