NHM में भर्ती पर मंत्री ने दी सफाई, कहा- रिजल्ट जारी करने में हुई चूक, अब ऐसे होगी नियुक्ति

NHM में भर्ती पर मंत्री ने दी सफाई, कहा- रिजल्ट जारी करने में हुई चूक, अब ऐसे होगी नियुक्ति

महिला व परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने एएनएम-नर्स भर्ती प्रकरण में विभागीय चूक स्वीकार कर ली है। उन्होंने गुरुवार को एनेक्सी में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि (राष्ट्रीय स्वास्‍थ्य मिशन) एनएचएम  के महाप्रबंधक मानव प्रबंधन (जीएम एचआर) की लापरवाही से रिजल्ट जारी करने में चूक हुई। अगर कट ऑफ का ध्यान रखा जाता तो ऐसी गलती नहीं होती। इसीलिए जीएम एचआर संदीप सक्सेना के सभी अधिकार छीनकर उसके खिलाफ जांच की जा रही है।NHM में भर्ती पर मंत्री ने दी सफाई, कहा- रिजल्ट जारी करने में हुई चूक, अब ऐसे होगी नियुक्ति

जोशी ने कहा कि पूर्व सरकारों में सीएमओ इंटरव्यू लेकर भर्तियां करते थे और डीएम की संस्तुति ले लेते थे। इस प्रक्रिया में खूब भ्रष्टाचार होता था। यहां तक कि वार्ड ब्वॉय के लिए भी लाखों रुपये वसूले जाते थे। लेकिन अब योगी सरकार ने भर्ती में पारदर्शिता लाने के लिए मंडलवार परीक्षा कराने का निर्णय किया था। जबकि पद जिलों में रिक्त पदों के आधार पर विज्ञापित किए गए थे।

इसके लिए 18 मंडलों में 140 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। कुल 93 हजार आवेदन इस भर्ती के लिए आए थे और 55 हजार लोगों ने परीक्षा दी थी। इस परीक्षा के लिए एसडीएम, एडीएम की ड्यूटी लगाई गई थी। प्रश्न पत्र भी डीएम के नियंत्रण में थे। रिजल्ट भी समय पर जारी किया गया था, इसमें चूक सिर्फ ये हुई कि कटऑफ के बगैर रिजल्ट को जारी कर दिया गया। इससे कुछ गलतफहमी  पैदा हो गई। अब नई सूची जारी की गई है।

सूची में शामिल अभ्यर्थियों की स्क्रीनिंग होगी। उनके शैक्षिक प्रमाण पत्र जांचे जाएंगे। जो पूरी तरह से सही पाया जाएगा, उसे ही नियुक्ति पत्र मिलेगा। रीता ने कहा कि अपने 32 साल के शिक्षण कार्य का अनुभव उन्होंने इस परीक्षा में लगाया है। सभी तरह से परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और फुलप्रूफ बनाया गया था।

इस तरह किया बचाव

परिवार कल्याण मंत्री ने तीन नंबर पाने वालों के नाम रिजल्ट में होने के मामले में सफाई देते हुए कहा कि कई जिलों में पदों के अनुरूप आवेदन नहीं थे। इसलिए उनकी मेरिट बहुत नीचे चली गई। यदि पहले कट ऑफ लगा दिया जाता तो ये स्थिति नहीं आती। अमेठी जिले का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां एएनएम का एक और स्टाफ नर्स के चार पद थे।

एएनएम के लिए चार आवेदन थे तो स्टाफ नर्स के लिए आठ। एएनएम में 90 में से तीन अंक पाने वाले का नाम ही मेरिट में आया। क्योंकि वहां इससे अधिक और कम कोई और अभ्यर्थी नहीं था। इसी तरह उन्होंने गौतमबुद्धनगर, बागपत, फैजाबाद, आजमगढ़, गाजियाबाद जिलों का उदाहरण दिया। 

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