चीन की विस्तारवादी नीतियों से पूरी दुनिया त्रस्त है। चीन ने अब म्यांमार के साथ भी सीमा विवाद शुरू कर दिया है। चीन ने लौक्काइ शहर के पास सीमावर्ती क्षेत्र में बाड़ लगाना शुरू कर दिया है। म्यांमार ने चीनी सेना की इन हरकतों का विरोध किया है।
म्यांमार। चीन ने म्यांमार के साथ भी सीमा विवाद फिर शुरू कर दिया है। यहां पर लौक्काइ शहर के पास सीमावर्ती क्षेत्र में चीन ने बाड़ लगाना शुरू कर दिया है। चीनी सेना की इन हरकतों का म्यांमार ने विरोध किया है। म्यांमार की सेना ने इस संबंध में चीनी अधिकारियों को पत्र लिखा है। इस पत्र से जानकारी मिली है कि चीन की सेना पोस्ट-बीपी-121 से 125 के बीच बाड़ लगा रही है।
यहां की मीडिया के अनुसार चीनी सेना अवैध तरीके से म्यांमार की सीमा में घुस आई है। सेना के मेजर जनरल जॉ मिन तुन ने कहा है कि चीन ने 1961 के चीन-म्यांमार सीमा समझौते का उल्लंघन किया है। समझौते में यह तय किया गया था कि दोनों ही देश सीमा के दस मीटर के अंदर किसी भी तरह का निर्माण नहीं करेंगे। अब चीन यहां पर बाड़ लगाने का काम कर रहा है।
क्षेत्रीय विधायक साइ तुन ने कहा है कि चीन खराब पड़ोसी देश है। हम कमजोर देश हैं , इसलिए वह अपनी ताकत के दम पर गलत काम कर रहा है। यहां पर चीन पहले भी बाड़ और फ्लैग पोस्ट लगाने के प्रयास करता रहा है। जिससे दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी रहती है।
चीन का यह रवैया तब सामने आया है जब राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने जी-20 सम्मेलन में बातचीत के जरिए आपसी विवादों को निपटाने की बातें कही थी। यही नहीं चीन भारत के साथ भी उलझा हुआ है। वह पूर्वी लद्दाख से सेना पीछे हटाने का आश्वासन दे रहा है जबकि दूसरी ओर डोकलाम के नजदीक अपनी सैन्य मौजदूगी मजबूत कर रहा है।
हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन पूर्वोत्तर को भारत से जोड़ने वाले संकरे भारतीय गलियारे (चिकेन नेक) के करीब स्थित चीनी गांव में सैन्य बंकर बनाने और उसमें हथियार एकत्रित करने की जानकारी सामने आई है। यही नहीं पीपुल्स लिबरेशन आर्मी वहां पर सैन्य आधारभूत ढांचा मजबूत करने का भी काम कर रही है।
ऐसा नहीं है कि चीन केवल भारत के साथ विवाद पर आमादा है। उससे जापान, भूटान, तेहरान समेत तमाम मुल्क परेशान हैं। हाल ही में ब्रिटेन के प्रमुख अखबार द टेलीग्राफ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि चीन ने नेपाल के क्षेत्र में घुसकर उसकी 150 हेक्टेयर से अधिक जमीन हड़प ली है। इस रिपोर्ट के बाद नेपाल की सियासत गर्म हो गई थी।