जयपुरः गुरूवार को अपने बाडमेर और जैसलमेर दौरे के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एमआरसैम मिसाइल को वायुसेना के जंगी बेडे में शामिल करेंगे. मध्यम दूरी की जमीन से आसमान में मार करने वाली एमआरसैम मिसाइल भारत ने इजरायल की मदद से तैयार की है. इस मिसाइल का नेवल-वर्जन, बराक-8 भारतीय नौसेना पहले से इस्तेमाल करती आ रही है.
मीडियम रेंज सर्फस टू एयर मिसाइल यानि एमआरसैम की रेंज 70-100 किलोमीटर तक की है. इसका इस्तेमाल आसमान में दुश्मन के ड्रोन, हेलीकॉप्टर और फाइटर जेट्स को मार गिराने के लिए किया जाता है. इजरायल की आईएआई यानि इजरायल एयरो इंडस्ट्री की मदद से डीआरडीओ और बीडीएल यानि भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने एमआरसैम मिसाइल को तैयार किया है. डीआरडीओ थलसेना के लिए भी इस एमआरसैम मिसाइल का निर्माण कर रही है और हाल ही में इसके सफल परीक्षण भी किए गए थे.
भारत को पास फिलहाल शॉर्ट रेंज के लिए आकाश मिसाइल है और मीडियम रेंज के लिए एमआरसैम हओ गई है. लॉन्ग रेंज यानि 400 किलोमीटर के लिए भारत रूस से एस-400 मिसाइल खरीद रहा है, जो इस साल के अंत तक वायुसेना को मिलने की संभावना है.
वहीं देश में पहली बार हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग के लिए मिलिट्री ट्रांसपोर्ट को उतारा जाएगा. खास बात ये है कि जब ये लैंडिंग-ड्रिल कराई जाएगी, तो उस विमान में खुद देश के रक्षा मंत्री और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मौजूद रहेंगे. पाकिस्तान से सटी राजस्थान सीमा से सटे बाडमेर में ये लैंडिंग होगी.
मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय वायुसेना के सी-130जे सुपर-हरक्युलिस विमान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी इमरजेंसी लैंडिंग की ड्रिल में हिस्सा लेंगे. ये नया हाईवे केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी ‘भारतमाला-प्रोजेक्ट’ का हिस्सा है.